चंद्रयान-2: विक्रम लैंडर से संपर्क करने के लिए इसरो के पास अब बचे केवल तीन दिन
नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पास चंद्रयान -2 के विक्रम लैंडर के साथ संपर्क स्थापित करने के लिए अब केवल तीन दिन बचे हैं। क्योंकि उसके बाद चंद्रमा पर रात हो जाएगी जो कि लगभग दो सप्ताह तक रहेगी। ऐसे में जैसे-जैसे समय बीत रहा है लोगों की उम्मीदें भी धूमिल होती हुई नजर आ रही है। हालांकि इसरो के वैज्ञानिक रात-दिन एक कर विक्रम लैंडर से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं।
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बता दें कि चंद्रमा का एक दिन धरती के 14 दिन के बराबर है। जिस दिन (7 सितंबर को) चंद्रयान-2 को चंद्रमा की सतह पर लैंड कराने की कोशिश की गई थी उस दिन से दिन शुरू हुआ है और अब मात्र धरती की तुलना में तीन दिन और बचे हुए हैं। इसरो के पास ये तीन दिन इसलिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि अगर इस बीच लैंडर से संपर्क नहीं हुआ तो बाद में उससे संपर्क साधना नामुंकिन है।
क्योंकि रात के समय में लैंडर को सौर उर्जा नहीं मिली और सबसे महत्वपूर्ण बात कि रात के समय में चंद्रमा की सतह का तापमान माइनस 100 डिग्री से भी कम हो जाता है और बर्फ जम जाते हैं। ऐसे में लैंडर का सुरक्षित बचना असंभव है। सात की सितंबर की रात से इसरो विक्रम लैंडर से संपर्क साधने का प्रयास कर रहा है लेकिन इन 10 दिनों में उसको सफलता नहीं मिली है। जबकि वो अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा की भी मदद ले चुका है।
लोगों की उम्मीदों पर उस समय पानी फिर गया जब मंगलवार को इसरो की ओर से एक ट्वीट किया गया। इसरो के वैज्ञानिकों ने अभी तक मिले देश की जनता के समर्थन और प्यार के लिए राष्ट्र को धन्यवाद कहा। इस ट्वीट ने एक नई चर्चा को जन्म दे दिया है।
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