Chandrayaan 2: लैंडर विक्रम की तस्वीरें नहीं ले पाया नासा का ऑर्बिटर, बताई ये वजह
नई दिल्ली। चांद पर लैंडिंग से ठीक पहले चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम का इसरो से संपर्क टूट गया था, जिसके बाद इसपर सभी की नजरें जमी थीं कि नासा का ऑर्बिटर 17 सितंबर को चांद के उसी हिस्से के ऊपर से गुजरेगा जहां पर चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने लैंडर विक्रम के मौजूद होने का पता लगाया था। लेकिन अब विक्रम से संपर्क हो पाने की उम्मीदें कम होती जा रही हैं।
विक्रम की तस्वीरें नहीं ले पाया नासा का ऑर्बिटर
नासा का ऑर्बिटर लैंडर विक्रम की तस्वीरें लेने में नाकाम रहा है। 7 सितंबर को लैंडर विक्रम की चांद की सतह पर 'हार्ड लैंडिंग हुई थी, इसके बाद लैंडर झुक गया था और उससे संपर्क नहीं हो पाया था। तब से लेकर अब तक इसरो ने विक्रम से संपर्क साधने की पूरी कोशिशें की हैं। 10 साल से चंद्रमा की परिक्रमा कर रहे नासा के लूनर रिकॉनिस्सेंस ऑर्बिटर को मंगलवार को विक्रम लैंडर के लैंडिंग साइट के ऊपर से गुजारा गया।
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'हो सकता है कि लैंडर कैमरे के क्षेत्र से बाहर हो'
नासा ने ग्रह विज्ञान विभाग, सार्वजनिक मामलों के अधिकारी जोशुआ ए हैडाल ने एक ईमेल में कहा कि लूनर रिकॉनिस्सेंस ऑर्बिटर कैमरा ने लक्षित लैंडिंग साइट के आसपास की छवि को कैद किया, लेकिन लैंडर का सही स्थान का पता नहीं चल पाया, क्योंकि हो सकता है कि लैंडर कैमरे के पहुंच से बाहर हो। बताया जा रहा है कि एलआरओसी टीम 17 सितंबर को ली गई तस्वीरों की तुलना साइट के पिछली तस्वीरों से करेगी ताकि ये देखा जा सके कि लैंडर विक्रम दिखाई दे रहा है या नहीं।
विक्रम से संपर्क होने की उम्मीदें हो रहीं धूमिल
चंद्रमा पर विक्रम लैंडर के ऊपर गुजारे गए ऑर्बिटर से मिली तस्वीरों के परिणाम को विश्लेषण और समीक्षा के बाद ही सार्वजनिक किया जाएगा। दरअसल, 7 सितंबर को चांद की सतह पर लैंड करने से ठीक पहले चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम का संपर्क टूट गया था। हालांकि, चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर अब भी चांद के चक्कर लगा रहा है। इसने ही सबसे पहले लैंडर विक्रम की थर्मल इमेज ली थी। इसके जरिए ही उस जगह का पता चल सका था जहां लैंडर मौजूद था। इसके बाद से लैंडर से संपर्क साधने की लगातार कोशिश होती रही है।