चंद्रयान-2: आज रात चांद पर उतरेगा लैंडर 'विक्रम', आखिरी 15 मिनट पर होंगी दुनिया की निगाहें
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बेंगलुरु। भारत का दूसरा मून मिशन चंद्रयान-2 सफलता की ओर कदम बढ़ा चुका है। लैंडर 'विक्रम' सात सितंबर (आज रात) को चांद पर उतरने के लिए पूरी तरह से तैयार है। ये एक ऐसा पल होगा जब दुनिया भर की नजरें इसपर टिकी होंगी। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हाईस्कूल में पढ़ने वाले 60 बच्चे इसरो के बेंगलुरु सेंटर पर मौजूद होंगे। हालांकि, लैंडिंग के आखिरी लमहों के दौरान पूरे देश के लोगों की धड़कनें बढ़ जाएंगी। लैंडिंग के पहले के आखिरी 15 मिनट बहुत अहम होंगे।
चांद पर विक्रम की सफल लैंडिंग के साथ ही भारत दुनिया का चौथा देश होगा जो सॉफ्ट लैंडिंग की तरफ कदम बढ़ाएगा। लैंडर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद इस मिशन को कामयाब माना जाएगा। इस दौरान, आखिरी 15 मिनट पर इसरो के स्पेस साइंटिस्ट्स की नजरें होंगी। आज रात डेढ़ बजे के बाद लैंडर 'विक्रम' की स्पीड 6 किलोमीटर प्रति सेकेंड यानी 21600 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। जो एक कमर्शियल फ्लाइट की औसत स्पीड से 30-40 गुना ज्यादा है। आमतौर पर एक फ्लाइट की रफ्तार 500-900 किमी प्रति घंटे होती है।
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लैंडिंग के आखिरी पंद्रह मिनट के दौरान लैंडर 'विक्रम' की स्पीड बहुत कम करनी होगी, इसकी स्पीड को घटाकर 2 मीटर प्रति सेंकेंड पर लाना होगा, यानी 7 किमी प्रति घंटा। अचानक इसकी स्पीड को इतना कम करना वैज्ञानिकों के लिए चुनौती होगी।
स्पेस में लैंडर 'विक्रम' की स्पीड को कम करने के लिए थ्रस्टर का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे स्पेसक्राफ्ट की स्पीड बढ़ाई जाती है, लेकिन विपरित दिशा में इसके इस्तेमाल से स्पेशक्राफ्ट की स्पीड कम होती है। स्पेशक्राफ्ट अपनी आगे बढ़ने की दिशा में ही थ्रस्टर का इस्तेमाल करेगा जिससे लैंडर 'विक्रम' की स्पीड कम हो जाएगी। लैंडर के चांद पर उतरने के करीब 3 घंटे के बाद इसके भीतर से रोवर 'प्रज्ञान' बाहर निकलेगा।