ISRO इसी साल अप्रैल में करेगा चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा रोवर
नई दिल्ली। अंतरिक्ष विभाग के प्रभारी मंत्री जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का चंद्रयान-2 अप्रैल में प्रक्षेपित किया जाएगा, जो पहली बार चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर एक 'रोवर' उतारने की कोशिश करेगा। इसरो के अध्यक्ष सिवान ने बताया कि भारत के दूसरे चंद्र मिशन की लागत 800 करोड़ रुपए है। इस चंद्र मिशन के रोवर को दक्षिणी ध्रुव के पास उतारा जाएगा।
चंद्रयान-2 इसरो का पहला इंटर प्लानेटरी मिशन होगा, जो किसी खगोलीय पिंड पर एक रोवर उतारेगा। इस मिशने के बारे में सिवान ने कहा कि इसे हम अप्रैल में लॉन्च किया जाना है, लेकिन किसी कारणों ले अगर लॉन्च नहीं कर पाते हैं तो इसे नवंबर में करेंगे।
जितेंद्र सिंह ने कहा कि अप्रैल में भारत चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण करने जा रहा है। चंद्रयान-1 मिशन के तहत इसरो ने चांद पर पानी देखा था। चंद्रयान-2 इस परियोजना का विस्तार है और यह चांद पर किसी व्यक्ति को उतारने के समान है।
दक्षिणी ध्रुव के पास रोवर उतारने का कारण पूछे जाने पर सिवन ने कहा कि यह ''काफी दुर्गम क्षेत्र'' है जहं चट्टानें लाखों साल पहले बनी थीं। उन्होंने कहा कि एक कारण यह भी है कि अन्य मिशनों द्वारा इस क्षेत्र का अध्ययन नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि अतीत में ज्यादातर चंद्र मिशनों ने चांद की विषुवत रेखा के आसपास के क्षेत्र का अध्ययन किया है।
इसरो ने चंद्रयान-1 को अक्टूबर 2008 में सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया था। इसरो ने इसे PSLV-XL रॉकेट से लॉन्च किया था। चंद्रयान-1 इंडियन स्पेस प्रोग्राम की बहुत बड़ी उपलब्धि थी।