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Chandrayaan 2: चांद पर ISRO ने खोज निकाला विक्रम लैंडर, आने वाले 12 दिन काफी अहम

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ISRO ने ढूंढ निकाला Viram lander को,संपर्क साधने की कोशिश | वनइंडिया हिंदी

बेंगलुरु। चांद की सतह पर लैंडर विक्रम की सटीक लोकेशन का पता लगा लिया गया है और यही नहीं ऑर्बिटर ने विक्रम लैंडर की एक थर्मल इमेज भी क्लिक की है, हालांकि अभी उससे कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है, यह बात खुद इसरो के चेयरमैन के सिवन ने कही है। इसरो प्रमुख ने रविवार को कहा कि टीम लैंडर विक्रम से कम्युनिकेशन स्थापित करने की लगातार कोशिश कर रही है, उम्मीद है कि जल्द ही संपर्क स्थापित हो जाएगा।

चांद पर ISRO ने खोज निकाला विक्रम लैंडर

चांद पर ISRO ने खोज निकाला विक्रम लैंडर

लैंडर विक्रम के लोकेशन का पता चल जाने की वजह से एक बार फिर से इसरो वैज्ञानिकों के अंदर खुशी की लहर देखी जा रही है, उनके अंदर उम्मीदें जगी हैं, वैज्ञानिकों के मुताबिक उनके पास विक्रम से संपर्क साधने के लिए 12 दिन हैं।

12 दिन कैसे और क्यों

अब आप सोचेंगे कि ये 12 दिन कैसे और क्यों, तो आपको बता दें कि दरअसल अभी लूनर डे चल रहा है, एक लूनर डे धरती के 14 दिनों के बराबर होता है, जिसमें से केवल 2 दिन बीत चुके हैं यानी अगले 12 दिनों तक चांद पर दिन रहेगा, जो कि धरती पर संपर्क करने के लिए काफी मुनासिब वक्त है, जबकि इसके बाद चांद पर रात हो जाएगी जिससे धरती पर वहां संपर्क करने आसान नहीं होगा।

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लूनर डे

लूनर डे

हालांकि इसरो प्रमुख ने यह भी कहा कि इमेज से यह साफ नहीं हो सका है कि विक्रम चांद की सतह पर किस हालत में है, इसरो की FAC टीम यह पता लगाने में जुटी है कि आखिर किन वजहों से लैंडर का संपर्क इसरो कमांड से टूट गया था, फिलहाल विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के डेटा एनालिसिस का अध्ययन किया जा रहा है।

डाटा का अध्ययन शुरू

डाटा का अध्ययन शुरू

इसरो के वैज्ञानिकों ने हर तरह के डाटा का अध्ययन शुरू कर दिया है लेकिन, इतना तय है कि ये मामला सिर्फ संपर्क टूटने का ही नहीं है, बल्कि टर्मिनल फेज में चांद पर उतरने के दौरान ऑन-बोर्ड कंप्यूटर का लैंडर से नियंत्रण खोने का भी है। इंडिया टुडे की खबरों के मुताबिक कुछ वैज्ञानिकों को लगता है कि डी-बूस्ट स्टेज में शामिल चार इंजनों में से एक या अधिक में कोई दिक्कत आ गई। ये सारे इंजन खास तरह के थे, जिसे विशेष रूप से सॉफ्ट लैंडिंग प्रक्रिया के लिए ही फिट किया गया था। सबसे बड़ी बात ये है कि इस तरह का इंजन इसरो ने पहली बार ही इस्तेमाल किया है।

उम्मीदें अभी बाकी हैं

उम्मीदें अभी बाकी हैं

इससे पहले भी शनिवार को डीडी न्यूज को दिए इंटरव्यू में इसरो चीफ के सिवन ने बताया था कि, उम्मीद की किरण अभी बची हुई है और अगले 14 दिनों तक हम विक्रम से संपर्क स्थापित करने की कोशिश करेंगे। चंद्रयान के साथ गये ऑर्बिटर के बारे में बताते हुए के सिवन ने कहा था कि ऑर्बिटर की लाइफ मात्र एक साल के लिए तय की गई थी, लेकिन ऑर्बिटर में मौजूद अतिरिक्त ईंधन की वजह से अब इसकी उम्र 7 साल तक लगायी जा रही है। इसरो के दूसरे अभियानों के बारे में डॉ के सिवन ने कहा कि चंद्रयान-2 में आई दिक्कत का कोई असर इन मिशन पर नहीं पड़ेगा। डॉ सिवन ने कहा कि इसरो के दूसरे अभियान तय समय पर होंगे।

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English summary
chandrayaan 2 orbiter has located the lander Vikram on the lunar surface and beamed its first picture back to the Indian Space Research Organisation (ISRO).
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