इसरो का बयान- लैंडर विक्रम से क्यों टूटा संपर्क, वजह का पता लगा रही कमेटी
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नई दिल्ली। चांद पर लैंडिंग से ठीक पहले चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम का इसरो से संपर्क टूट गया था, इसके बाद से इसरो लैंडर से संपर्क करने की कोशिश में जुटा हुआ है लेकिन इसमें अभी तक कामयाबी नहीं मिली है। वहीं, अब इसको लेकर इसरो की तरफ से बयान आया है जिसमें उन्होंने कहा है कि शिक्षाविदों और इसरो विशेषज्ञों की राष्ट्रीय स्तर की समिति लैंडर से संपर्क टूटने के कारणों का अध्ययन कर रही है।
लैंडर से संपर्क टूटने के कारणों का अध्ययन कर रही कमेटी
इसरो ने ये भी बताया है कि भारत के दूसरे मून मिशन का ऑर्बिटर निर्धारित वैज्ञानिक प्रयोगों को संतोषजनक तरीके से अंजाम दे रहा है और इसके सभी पेलोड का कामकाज संतोषप्रद है। एजेंसी ने वेबसाइट पर लिखा है कि इसके शुरुआती परीक्षण पूरी तरह से सफल रहे हैं। इसरो चीफ के. सिवन ने भी बताया कि ऑर्बिटर के पेलोड काम कर रहे हैं, उन्होंने तस्वीरें भेजनी शुरू कर दी हैं और वैज्ञानिकों की टीम उनका अध्ययन कर रही है।
नासा ने ली लैंडिंग साइट की तस्वीरें, अध्ययन जारी
इसरो ने चंद्रयान-2 को 22 जुलाई को भेजा था जिसके लैंडर को 7 सितंबर को चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी लेकिन लैंडिंग से ठीक पहले 2.1 किमी दूर विक्रम से इसरो का संपर्क टूट गया था। इसके बाद से ही इसरो के वैज्ञानिकों की टीम लगातार लैंडर से संपर्क स्थापित करने की कोशिश में जुटी हुई है। लैंडर से संपर्क टूटने के एक दिन बाद यानी 8 सितंबर को इसके बारे में बड़ी जानकारी सामने आई थी जब चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने विक्रम की थर्मल इमेज क्लिक की थी।
लैंडिंग से ठीक पहले टूटा था विक्रम से संपर्क
इसके बाद इसरो चीफ के. सिवन ने कहा था कि विक्रम की चांद के सतह पर लैंडिंग 'हार्ड' थी लेकिन उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। उन्होंने कहा था कि लैंडर तिरछा हो गया है और इसरो की टीम लगातार संपर्क करने की कोशिश में जुटी है। उधर. अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने अपने चंद्रमा ऑर्बिटर द्वारा चांद के उस हिस्से की तस्वीरें ली हैं जहां लैंडर ने सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास किया था। नासा भी इन तस्वीरों की समीक्षा कर रहा है।