चंद्रशेखर का मोदी पर हमला, पीएम तो बेऔलाद है क्या जाने बेटा और बाप खोने का दर्द
नई दिल्ली। भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने रविवार को एक फेसबुक लाइव के जरिए हाल ही में उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक पुलिसकर्मी और एक युवक की हत्या को लेकर मोदी सरकार पर जबरदस्त हमला किया। आजाद ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करना चाहिए। चंद्रशेखर ने कहा, मैं प्रधान मंत्री मोदी से गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने और देश भर में गाय वध पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध करता हूं। आखिर बीजेपी शासित राज्यों में गाय वध की अनुमति क्यों है? प्रधान मंत्री मोदी का अपना कोई बच्चा नहीं है इसलिए वो बच्चों को खोने का दर्द समझ नहीं पाते हैं।
मोदी की कैबिनेट में आधे मंत्रियों के बच्चे नहीं हैं
चंद्रशेखर ने कहा कि, उनकी कैबिनेट में आधे मंत्रियों के बच्चे नहीं हैं और इसीलिए वे इस तरह की हिंसा में बेटे, पिता या पति को खोने के दर्द को नहीं समझते हैं। उन्होंने कहा कि देश में कई संगठन है जो देश की एकता को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। आरएसएस, वीएचपी और बजरंग दल को 'आतंकवादी संगठन' बताते हुए चंद्रशेखर ने कहा, ये लोग देश के सांस्कृतिक ताने बाने को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। बाबा साहेब ने 1956 में ऐसे संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया था लेकिन बाद में प्रतिबंध हटा दिए गए थे।
ऊंची जातियों को वोट ना दें
प्रमोशन में एससी-एसटी आरक्षण जारी करने पर बोलते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि, बीजेपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद एक भी एससी/एसटी को प्रोमोशन नहीं दिया क्योंकि वो ऐसा करना ही नहीं चाहते थे। उन्होंने यह भी दावा किया कि पिछड़े वर्गों और दलितों के लिए शिक्षा बजट में जानबूझ कर कमी की गई। साथ ही सभी से आग्रह किया था कि वे ऊंची जातियों को वोट ना दें। फेसबुक लाइव में आजाद ने कई बार बहुजन हिताय और बहुजन सुखाय के नारे को कई बार दोहराया। उन्होंने बहुजन समाज और मुस्लिम यूनिटी की बात की।
चंद्रशेखर ने 18 दिसंबर को हापुड़ जिले में एक रैली की भी घोषणा की
आजाद ने कहा, मैंने 'सवर्णों' को अपना पक्ष साफ करने का एक मौका दिया। लेकिन उन्होंने हमेशा एससी/एसटी अधिनियम और आरक्षण का विरोध किया है। क्या आप उनके लिए मतदान करना चाहते हैं? हमने फैसला किया है कि हम ऊपरी जाति के लिए वोट नहीं देंगे। उन्होंने हाल में तोड़ी गई बाबा साहब की मूर्तियां के मुद्दे भी होता है। उन्होंने हनुमान मंदिर पर कब्जे की बात पर अपना पक्ष रखा। चंद्रशेखर ने 18 दिसंबर को हापुड़ जिले में एक रैली की भी घोषणा की।
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