चंद्रबाबू नायडू जिन्होंने अपने ससुर एनटीआर से छिनी टीडीपी की कमान और खुद सीएम की गद्दी पर बैठे
नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू पर रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमला बोलते हुए कहा था कि उन्होंने कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर टीडीपी के संस्थापक एनटी रामा राव के साथ विश्वासघात किया है। चार दशक पहले चंद्रबाबू नायडू आंध्र प्रदेश में कांग्रेस की सरकार में सिनेमेटोग्राफी मंत्री थे। उस समय वो नंदमूरि तारक रामाराव के करीब आए, जो फिल्म अभिनेता और राजनीतिज्ञ थे। वो हिंदू देवताओं का किरदार निभाते हुए लोगों में बहुत प्रसिद्ध हो गए। इसके बाद वो राजनीति में कूदे और टीडीपी पार्टी की गठन किया ताकि वो आंध्र से कांग्रेस का सफाया कर सकें।
चंद्रबाबू नायडू ने एनटीआर की बेटी से की शादी
साल 1981 में चंद्रबाबू नायडू ने एनटीराव की बेटी भुवनेश्वरी से शादी कर ली। भुवनेश्वरी से शादी करने के दो साल बाद वो टीडीपी में उस वक्त शामिल हुए जब उसकी राज्य में सरकार थी। इसके बाद वो अपने ससुर के विश्वासपात्र बन गए और परदे के पीछे उनके नजदीकी रणनीतिकारों में शामिल हो गए। टीडीपी में शामिल होने के ठीक एक दशक बाद, नायडू ने अपने ससुर के खिलाफ विद्रोह करके तख्तापलट किया। इसके साथ ही उन्होंने टीडीपी पर कब्जा किया और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठ गए।
एनटीआर ने खुद की तुलना शाहजहां से की
चंद्रबाबू नायडू के विद्रोह के करने के बाद एनटीआर ने कहा था कि उनके दामाद के अच्छे दिनों को गिना जाएगा और वो बदला लेंगे। अपने आखिरी इंटरव्यू में एनटीआर ने खुद की तुलना 17 वीं शताब्दी के मुगल सम्राट शाहजहाँ से की थी जिसे उसके बेटे ने कैद कर लिया था। उन्होंने नायडू को आस्तीन का सांप बताया था और कहा था कि वो अपने परिवार के खिलाफ जाने वालों से बदला लेंगे, विशेष रूप से अपने दामाद और उत्तराधिकारी के तौर पर सीएम की गद्दी पर बैठने वाले नायडू से। हालांकि वो राजनीति में वापसी नहीं कर पाए और साल 1996 में हार्टअटैक की वजह से उनका निधन हो गया।
नायडू एनटीआर की मौत के बाद बने 'चहेते' नेता
एनटीआर की मौत के बाद नायडू राज्य के प्रसिद्ध नेता बन गए हैं। उन्होंने अब तक तीन बार आंध्र प्रदेश के सीएम के तौर पर सूबे की बागडोर संभाली है। सीएम बनने के बाद टेक फ्रेंडली नायडू ने खुद को राज्य के सीईओ के तौर पर पेश किया और हैदराबाद को आईटी हब के तौर स्थापित किया। उन्होंने टेक्नोलॉजी से जुड़ी बड़ी माइक्रोसॉफ्ट, आईबीएम और ओरेकल जैसी कंपनियों को यहां आने के बाद आकर्षित किया। चंद्रबाबू नायडू ने अपने ससुर एनटीआर के खिलाफ विद्रोह को सही बताया। उन्होंने कहा कि उन्होंने पीडीपी को बुरे लोगों से बचाया है। एनटीआरने एनटीआर की दूसरी पत्नी लक्ष्मी पार्वती को 'दुष्टा शक्ति' बताते हुए कहा कि वो पार्टी को बर्बाद करना चाहती थी और पार्टी को बचाने के लिए उन्होंने विद्रोह किया और पार्टी को टूटने से बचाया।
'सपने में भी विद्रोह के बारे में नहीं था'
चंद्रबाबू नायडू ने कहा था कि वो सपने में भी अपने ससुर के खिलाफ विद्रोहकी नहीं सोच सकते थे। मेरे लिए वो मेरे ससुर नहीं भगवान के समान थे, जिनकी मैं हमेशा पूजा करता था। एनटीआर 'दुष्ट ताकतों' के प्रभाव में आकर परेशानियों का सामना कर रहे थे। उनके पास टीडीपी को बचाने के लिए दूसरा विकल्प नहीं था। नायडू दिल्ली में सोमवार को आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर धरने पर बैठें हैं। वह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित कई विपक्षी पार्टी के नेताओं को इस मसले पर अपने पक्ष में लाने के बाद लाइमलाइट में आ गए हैं। नायडू को शायद इस बात का अहसास हो गया था कि मोदी के खिलाफ बगावत करना केंद्र में सत्ता में अपनी पकड़ बनाने का सबसे बेहतरीन मौका था।