केंद्र सरकार के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठे चंद्रबाबू नायडू
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नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू आज केंद्र सरकार के खिलाफ एक दिन की भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर नायडू लगातार केंद्र के खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद कर रहे हैं और केंद्र सरकार पर अपना वायदा नहीं पूरा करने का आरोप लगा रहे हैं। नायडू और केंद्र सरकार के बीच दूरी इस कदर बढ़ गई है कि उनकी पार्टी के तमाम सांसदों ने मंत्रीमंडल से इस्तीफा दे दिया और एनडीए से भी अलग होने का फैसला ले लिया।
नायडू ने आरोप लगाया था कि नायडू ने कहा कि राज्य के विभाजन के बाद, हमें हाथ पकड़ने की ज़रूरत थी और इसी वजह से हम एनडीए में शामिल हुए। हमने साथ अभियान चलाए और लोगों को आश्वासन दिया कि न्याय किया जाएगा और लोगों ने हमारे लिए मतदान किया। हर कोई सोचा था कि बीजेपी से संयोजन बेहतर होगा। पिछले चार वर्षों के दौरान दिल्ली में मेरे 29 दौरे के बावजूद, मामूली चीज़ों को छोड़कर कुछ नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, 'आंध्र प्रदेश के लोग विश्वासघात महसूस करते हैं, लेकिन वर्तमान सरकार की समीक्षा क्यों नहीं करती?' जेपीसी को नियुक्त करने और उन्हें इस मुद्दे पर नजर रखने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री ने नेल्लोर, अमरावती और तिरुपति में सार्वजनिक सभाओं के दौरान विशेष श्रेणी का दर्जा (एससीएस) का आश्वासन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के क्लिप भी चलाए।
नायडू ने कहा कि 'तिरुपति में एक मीटिंग के दौरान, प्रधानमंत्री ने कहा था कि अमरावती की राजधानी दिल्ली की तुलना में बेहतर होगी। उन्होंने मुझे सलाह दी कि मैं कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना से आईडिया लूं। मुझे नहीं पता कि इसके बाद क्या हुआ।' अब जब हम हमारी आवाज उठा रहे हैं तो आप (बीजेपी) मेरी सरकार को परेशान कर रहे हैं। केंद्र सरकार निंदा करने में लगी है जो कि दर्दनाक है। वे अपनी साख को बर्बाद करना चाहते हैं जो 40 वर्षों की अवधि में बनाया था।