चंद्रबाबू नायडू ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा को लिखा पत्र, कहा- आंध्र प्रदेश के साथ दोहरे मापदंड अपना रहा है चुनाव आयोग
अमरावती: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया कि वो आदर्श चुनाव आचार संहिता के नाम दोहरे मापदंड और और राज्य में तुच्छ नियमो को लागू करवा रहा है। 25 अप्रैल को मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा को लिखे अपने पत्र में नायडू ने लिखा कि चुनाव निकाय सरकार की शक्तियों को हड़पने और उन्हें अपने कर्तव्यों को निभाने से रोक रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में विपक्षी पार्टी वाईएसआरकांग्रेस के पदाधिकारियों की शिकायत पर चुनाव निकाय ये कार्रवाई की।
'40 साल में पहली बार इतना बुरा चुनाव देखा'
आंध्र प्रदेश में 11 अप्रैल को पहले चरण के मतदान के दौरान चुनाव आयोग के मुद्दो को लेकर नायडू ने कहा कि देश के एक सीनियर नेता और प्रशासक के तौर पर मैंने 40 सालों में पहली बार कोई चुनाव देखा, जो इतनी बुरी तरह संचालित किया गया हो। ये चुनाव पूरी तरह से कुप्रबंधन और बेहद खराब तरीके से संगठित रूप से आयोजित किया गया। उन्होंने पत्र में लिखा कि ईवीएम में शिकायतों और हिंसा के बाद चुनाव में एक बजे से लेकर सात बजे तक देरी हुई,जिससे वोटरों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
'चुनाव आयोग पर भेदभाव का लगाया आरोप'
नायडू में सीईसी को लिखे पत्र में दावा किया है कि उन्हें राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर समीक्षा बैठक नहीं करने दी गई। इसके अलावा उन्हे काम करने से भी रोका गया। चुनाव आयोग उनके साथ भेदभाव कर रहा था। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा को लिखे एक पत्र में उन्होंने आगे लिखा कि आंध्र प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) ने मीडिया को कहा कि मुख्यमंत्री के पास समीक्षा बैठक करने का अधिकार नहीं है, क्योंकि अभी आदर्श आचार संहिता लागू है। सीईओ ने एडीजी (इंटेलिजेंस) को मुख्यमंत्री को रिपोर्ट नहीं करने का निर्देश दिया।
ये भी पढ़ें- आंध्र प्रदेश लोकसभा चुनाव 2019 की विस्तृत जानकारी
'ऐसा कोई प्रावधान नहीं'
एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि आदर्श आचार संहिता में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। मैं कर्तव्यों से बंधा हूं और समीक्षा बैठक की मेरे पास शक्तियां हैं। सीईओ गलत सूचना फैला रहे हैं और अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जा रहे हैं। उन्होंने एडीजी (इंटेलिजेंस) को भी निर्देश दिया, जो कि सीधे मुख्यमंत्री के निर्देश पर काम करते हैं। उन्होंने सीएम को रिपोर्ट करने से मना किया। उन्होंने पत्र में आगे पूछा कि आंध्र प्रदेश के मामले में भेदभाव के आदेश क्यों जारी किए जा रहे हैं? चुनाव आयोग को निर्वाचित सरकार को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग पर अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर रहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रक्रिया पूरे होने में 42 दिन लगेंगे क्योंकि 23 मई को नतीजे आएंगे। इतने दिनों के लिए प्रशासनिक कार्यों को नहीं रोका जा सकता है।
ये भी पढ़ें-चंद्रबाबू नायडू का दावा, रूसी हैकर करोड़ों रुपए के बदले कर रहे हैं EVM हैक