मोदी सरकार की इस स्कीम का मरीज को मिला फायदा, इलाज में खर्च हुए पैसे मिले वापस
नई दिल्ली। चंडीगढ़ पीडब्ल्यूडी विभाग में सविंदा कर्मचारी भुवन चंद्रा (37) गुरुवार को भारत सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना अयुष्मान भारत (नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम) के पहले लाभार्थी बन गए। इस योजना को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के नाम से भी जाना जाता है। इस योजना के तहत पहले पंजीकृत रोगी भुवन 11 से 16 सिंतबर के बीच सेक्टर 16 के सरकारी मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती हुए थे। यहां पर उनके इलाज में 2500 रुपए खर्च हुए। गुरुवार को इलाज के दौरान खर्च किए गए पैसे उनके अकाउंट में सरकार की ओर से रिफंड कर दिए गए।
हिन्दुस्तान टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक, चंद्रा ने बताया कि, वह तेज बुखार के चलते इमरजेंसी में भर्ती कराए गए थे। कुछ टेस्ट के बाद पता चला कि उन्हें थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (एक तरह की रक्त की बीमारी) हुई है। उन्होंने बताया कि, जब मैं हॉस्पिटल में भर्ती हुआ था तब मुझे तेज बुखार था। मेरे भर्ती होने के दो दिन बाद, कुछ अधिकारियों ने मुझसे संपर्क किया और आवश्यक दस्तावेजों की जांच की। आज, मेरे खाते में ₹ 2,500 की राशि जमा की गई थी। मुझे खुशी है क्योंकि मुझे अपना पैसा वापस मिला।
आयुष्मान भारत-राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना, जिसे प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेई) भी कहा जाता है। इस योजना के तहत प्रति परिवार स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के रूप में ₹ 5 लाख का वार्षिक कवरेज प्रदान करता है। इससे देश में 10 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को फायदा होगा। योजना 23 सितंबर को आधिकारिक तौर पर चंडीगढ़ में शुरू की जाएगी। इस योजना के तहत, लाभार्थियों को पूरे भारत में सभी सूचीबद्ध अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए कैशलेस और पेपरलेस चिकित्सा उपलब्ध करायी जाएगी।
चंडीगढ़ में, 2011 की जनगणना के मुताबिक 23,687 परिवार लाभार्थी होंगे। इनमें से 392 ग्रामीण लाभार्थी और 23,295 शहरी हैं। हालांकि, इस जनगणना में यह गारंटी नहीं है कि इस योजना के तहत सभी गरीबो को कवर किया गया है।
हैदराबाद: 29 साल की महिला का ओमान में हुआ था निकाह, 62 साल के शेख ने व्हाट्सऐप पर दिया तलाक