PGI चंडीगढ़ के डॉक्टरों ने किया कमाल, पुलिस अफसर का कटा हाथ जोड़ा
चंडीगढ़। बीते रविवार को पटियाला में लॉकडाउन तोड़ने वाले एक निहंग (परंपरागत हथियार रखने वाले और नीली लंबी कमीज पहनने वाले सिख) ने एएसआई हरजीत सिंह का हाथ तलवार से काट दिया था। साढ़े 7 घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद चंडीगढ़ पीजीआई के डॉक्टरों ने हरजीत सिंह के कटे हाथ को उनके शरीर से जोड़ दिया है। डॉक्टरों के इस कारनामें को सुनकर हर कोई तारीफ कर रहा है। पटियाला के एसएसपी मनदीप सिंह सिद्धू ने भी पीजीआई के डॉक्टरों का धन्यवाद किया है। एसएसपी ने कहा कि पीजीआई के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने साढ़े सात घंटे सुबह 10 बजे से शाम साढ़े 5 बजे तक चले ऑपरेशन के बाद कलई को वापस जोड़ दिया। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी की हालत अब ठीक है।
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ऐसे तैयार की गई ट्रामा सेंटर की इमरजेंसी टीम
पंजाब पुलिस के डीजीपी दिनकर गुप्ता ने पीजीआई के डायरेक्टर डॉ. जगत राम को सुबह करीब 7.45 बजे फोन कॉल कर बताया कि एक पुलिस कर्मी का हाथ कट कर अलग हो गया है। उसे ट्रीटमेंट कि लिए पटियाला से पीजीआई भेजा जा रहा है। इसके बाद डॉ. जगत राम ने एडवांस ट्रामा सेंटर में इमरजेंसी टीम को सक्रिय किया। डॉ. जगतराम ने प्रो. रमेश शर्मा को इसकी जिम्मेदारी दी। प्लास्टिक सर्जरी टीम में डॉ. सुनील गाबा और डॉ. जेरी आर जॉन, डॉ. सूरज नायर, डॉ. मयंक, डॉ. चंद्रा, डॉ. शुभेंदु, डॉ. अंकुर, डॉ. अभिषेक और डॉ. पूर्णिमा के साथ स्टाफ नर्स अरविंद, स्नेहा और अर्श शामिल थीं। 50 साल के पुलिस कर्मी का बायां हाथ कलाई के पास से कटा हुआ था।
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नसों व हड्डियों में आपस में कोई संपर्क नहीं था
डॉ. सुनील गाबा ने बताया कि हरजीत सिंह जब पीजीआई में पहुंचा तो उसका हाथ पूरी तरह से अलग था। नसों व हड्डियों में आपस में कोई संपर्क नहीं था। प्लास्टिक सर्जरी विभाग ने कई आधुनिक तकनीक के बल पर सफल ऑपरेशन किया है। पहले चरण में मरीज की अंतरिक व बाहरी नसों को आपस में जोड़ा गया। उसके बाद हड्डी को जोड़ा गया। उन्होंने हरजीत सिंह के हौसले व इच्छा शक्ति की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह बहुत जल्द स्वास्थ्य होकर अपने पुराने जीवन में वापस लौट आएंगे।
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क्या था घटनाक्रम
पटियाला जिले की एक सब्जी मंडी में कर्फ्यू पास दिखाने के लिए कहने के बाद निहंगों के समूह ने पुलिस दल पर हमला किया था। इस हमले में सहायक उप-निरीक्षक हरजीत सिंह का हाथ तलवार से कट गया था जबकि पंजाब पुलिस के तीन अन्य पुलिसकर्मी और एक मंडी अधिकारी घायल हो गया था। इस मामले में मामले में 7 भगोड़े निहंगों को गुरुद्वारे से गिरफ्तार किया गया था। इनमें से 5 वो थे जो पुलिस टीम पर हमले में शामिल थे।