राजबाला हत्याकांड: 100 एकड़ जमीन, 1 करोड़ की एफडी, जिसने मरवाया था बहू को उसे बेटी ने मार डाला
पंचकूला। हरियाणा के पंचकूला के गांव खटौली में चंदेल राज परिवार में हुई चार हत्याओं के मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। एक ही परिवार के चार लोगों की गोली मारकर हत्या करने के मामले में पंचकूला पुलिस ने मंगलवार को मृतका राजबाला की बड़ी बेटी लवली को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की पूछताछ में लवली ने अपना गुनाह कबूल करते हुए कहा कि उसने ही पति के साथ मिलकर प्रापर्टी के लालच में अपनी मां, दो भतीजों और एक भतीजी की हत्या कराई है। हत्याकांड को 200 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी के लालच में अंजाम दिया गया। पुलिस के मुताबिक राजबाला की काफी संपत्ति है। उसकी पंचकूला क्षेत्र में लगभग 100 एकड़ जमीन है और उनके बैंक खातों में भी एक करोड़ रुपये से अधिक रकम जमा है। लवली की इसी पर नजर थी और इस पर कब्जा के चक्कर में उसने बुजुर्ग मां और मासूम भतीजी और भतीजों की हत्या करवा दी। विस्तार से जानिए पूरा मामला
सबसे पहले जान लीएि कब और कैसे हुई थी चारों हत्याएं
बता दें कि पंचकूला शहर से सटे खटोली गांव में 16 नवंबर की रात में राजबाला, उसके 16 साल के उसके पोते दिवांशु उर्फ विशाल, 12 साल के वंश और 18 साल की ऐश्वर्या की हत्या कर दी गई थी। वारदात का पता सुबह 17 नवंबर की सुबह चला। इसके बाद जांच में राजबाला की बड़ी बेटी लवली और उसके पुत्र की ओर शक की सूई घूम रही थी। चारों हत्याओं की मास्टरमाइंड लवली ने पुलिस को बताया कि उसने करीब 3 महीने पहले ही वारदात की प्लानिंग कर ली थी बस मौके की तलाश में थी।
यूं रची थी साजिश
लवली एवं उसका बेटा विजय 16 नवंबर को भी राजबाला के घर पर आए हुए थे। दोनों शाम तक घर पर ही थे। राजबाला हर रोज की तरह शाम को करीब साढ़े सात बजे भाई सुरेशपाल को बैठक वाले कमरे में खाना दे गई। सुरेश खाना खाकर बैठक में ही सो गया था और राजबाला अपने पोते विशाल उर्फ दीवांशु, आयुश उर्फ एवं पोती ऐश्वर्या उर्फ गिनी के साथ घर पर थी। सुरेशपाल ने बताया कि राजबाला उसे हर रोज सुबह पांच बजे चाय देने आती थी, लेकिन 17 नवंबर की सुबह वह चाय देने नहीं आई, तो वह छह बजे के करीब राजबाला के घर गया और मेन गेट खटखटाकर देखा, तो काफी देर तक जब कोई बाहर नहीं आया तो वह खेत में चला गया। 16 साल का दिवांशु दसवीं कक्षा का छात्र था और मौली के स्कॉलर स्कूल पढ़ाई करता था। वंश छठी कक्षा का छात्र था और रायपुर रानी के केवीएम सीनियर सेकेंडरी स्कूल का छात्र था। ऐश्वर्या रायपुर रानी के गर्ल्स कॉलेज में पढ़ाई करती थी।
राजबाला की थी 4 बेटियां, बेटे ने कर ली थी खुदकुशी
बता दें कि राजबाला के चार बेटियां हैं, जिनमें सबसे बड़ी लवली है और वह ज्यादातर मां के ही साथ रहती थी। राजबाला के बेटे उपेंद्रसिंह की शादी सहारनपुर की सुधा के साथ हुई थी। दोनों के चार बच्चे थे। आठ साल पहले उपेंद्र ने आत्महत्या कर ली थी। उनके दो बेटे और दो बेटियों में अब सिर्फ सबसे छोटी बेटी शैली बची है, जो अपनी दूसरा बुआ अंजना के साथ रहती है। इससे लवली उसकी हत्या नहीं करा सकी थी। दो साल पहले उपेंद्र की पत्नी सुधा भी लापता हो गई थी, जबकि हकीकत यह थी कि उसकी हत्या हुई थी।
राजबाला ने भी करवाया था अपनी बहू का कत्ल
सुधा मूल रुप से उत्तरप्रदेश के सहारनपुर के गांव रणखंडी बहला की रहने वाली थी। जिसकी शादी राजबाला के बेटे उपेंद्र के साथ हुई थी। उपेंद्र ने वर्ष 2008 में आत्महत्या कर ली थी। जिसके बाद से सुधा अपने बच्चों के साथ ससुराल में ही रहते थे। राजबाला की मौत के बाद सुधा ही पूरी प्रॉपर्टी की हकदार बनती थी, जो कि राजबाला को कतई ही गवारा नहीं था, इसलिए राजबाला ने अपनी बेटी लवली को कह रखा था कि वह गांव खटौली में ही रहा करे। लवली और सुधा के बीच अक्सर कहासुनी होती थी। राजबाला से भी सुधा की बहस हो जाती थी। लवली सुधा के बच्चों को कुछ कहती थी तो दोनों के बीच हाथापाई तक की नौबत आ जाती थी। जिसके चलते राजबाला ने सुधा को साइड करने की प्लानिंग बनाई थी। इसके बाद सुधा को मारने के लिए पूरी योजना के तहत लवली को 1 दिसंबर 2016 को शाम को राजबाला ने घर भेज दिया था। फिर रात को लवली अपने पति रामकुमार के साथ गांव खटौली में आई। जहां पर सुरेशपाल और मोहित पहले से मौजूद थे।
सुधा की लाश पराली में जला दी
इसके बाद सुधा का गला दबा दिया गया और हत्या के बाद रामकुमार सुधा के शव को अपनी गाड़ी में ले गया। रामकुमार ने ही सुधा के शव को पराली में आग लगाकर जला दिया। इसके बाद कई दिन तक वह मौके पर जाकर शव की हालात को देखते रहे। जब उन्हें यकीन हो गया कि अब सुधा की बॉडी का कुछ नहीं बचा है, तब 17 दिन बाद राजबाला ने पुलिस को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। लवली के डिस्क्लोजर के बाद अब सुधा की गुमशुदगी के मामले में हत्याएं, षड्यंत्र एवं अन्य धाराएं जोड़ दी गई है। जिसमें राजबाला को मुख्य आरोपित बताया गया है, लेकिन वह मर चुकी है। इसके अलावा लवली, उसके पति रामकुमार, राजबाला के भाई सुरेशपाल, भतीजे मोहित को आरोपित बनाया गया है।
राजबाला को था प्रॉपर्टी का शौक
जांच के दौरान पुलिस ने यह भी डायरी में नोट किया है कि मृतक राजबाला की कहां कितनी जमीन और कितने बैंक अकाउंट हैं। इतना ही नहीं किस बैंक में कितनी धनराशि है, इसकी भी लिस्ट मांगी गई है। जांच में सामने आया की राजबाला को जमीन जायदाद बनाने का बहुत शौक था और उन्हें जो जमीन पसंद आती थी, उसे वह खरीद लेती थीं। परिजनों का कहना है कि वह जमीन खरीदने के बाद किसी को नहीं बताती थीं। इसके अलावा वह आम दिनों की तरह बिलकुल सामान्य रहती थीं।
राजबाला की कहां कितनी प्रॉपर्टी
राजघराने से संबंध रखने वाली मृतक राजबाला की कहां कितनी प्रॉपर्टी है, इसका भी पता पुलिस ने लगा लिया है। जांच में पता चला है कि तंगोर जिला कुरुक्षेत्र में राजबाला ने 20 किल्ले जमीन खरीद रखी थी, जो दोनों पोतों के नाम पर है। इस जमीन के बारे में उन्होंने किसी को भी नहीं बताया था। शाहपुर में भी राजबाला की 5 एकड़ जमीन है और बाकी जमीन गांव खटौली में है, जोकि राजबाला के नाम पर है। इस तरह कुल मिलाकर 70 किल्ले की मालकिन थीं राजबाला।
चंदेल वंश के गौरवशाली इतिहास पर एक नजर
भारत में चंदेल वंश का गौरवशाली इतिहास रहा है। 8वीं से 12वीं शताब्दी तक यमुना और नर्मदा के बीच, बुंदेलखंड तथा उत्तर प्रदेश के दक्षिणी-पश्चिमी भाग पर राज किया था। वह न केवल महान विजेता थे बल्कि सफल शासक भी थे। उनका योगदान भारतीय इतिहास में अतुलनीय रहा है। उनकी वास्तुकला तथा मूर्तिकला का अदभुत उदाहरण खजुराहो के मंदिर के रूप में हमें दिखाई देता है।