Chakka jam: 6 फरवरी को होने वाले चक्का जाम के उस हर सवाल का जवाब जो आपके मन में है?
6 फरवरी को चक्का जाम: कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले दो महीने से ज्यादा वक्त से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने शनिवार को देशव्यापी चक्का जाम का ऐलान किया है। ये किसान संगठन तीनों कृषि कानूनों की वापसी की मांग कर रहे हैं। इस चक्का जाम को किसान संगठन बहुत अहम मान रहे हैं, क्योंकि यह 26 जनवरी को हुई ट्रैक्टर परेड के बाद उनका सबसे बड़ा प्रदर्शन होने की उम्मीद है। चक्का जाम का यह ऐलान सिर्फ सांकेतिक तौर पर तीन घंटे के लिए क्या गया है। लेकिन, दिल्ली पुलिस और बाकी एनसीआर शहरों की पुलिस भी इसको लेकर कोई कोताही नहीं बरत रही है। आइए उन सभी सवालों का हल जानने की कोशिश करते हैं, जो 6 फरवरी को होने वाले चक्का जाम को लेकर आपके मन में उठ रहे हैं।
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कब होगा देशव्यापी चक्का जाम?
किसान संगठनों के नेताओं ने दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक शनिवार यानी 6 फरवरी को दोपहर 12 बजे से लेकर 3 बजे तक तीन घंटे तक पूरे देश में चक्का जाम किया जाएगा।
किसने
किया
है
चक्का
जाम
का
आह्वान
?
6
फरवरी
को
तीन
घंटे
के
चक्का
जाम
का
ऐलान
संयुक्त
किसान
मोर्चा
ने
किया
है,
जो
40
किसान
संगठनों
का
साझा
मोर्चा
है।
संयुक्त
किसान
मोर्चा
ही
इस
चक्का
जाम
का
कोऑर्डिनेशन
भी
करेगा।
क्यों
किया
जा
रहा
है
चक्का
जाम
?
चक्का
जाम
का
ऐलान
तीन
कृषि
कानूनों
को
वापस
लेने
की
मांग
के
साथ
ही,
दिल्ली
सीमा
के
तीनों
मुख्य
प्रदर्शन
स्थलों-
सिंघु
बॉर्डर,
टिकरी
बॉर्डर
और
गाजीपुर
बॉर्डर
पर
इंटरनेट
सेवाएं
,
पानी
और
बिजली
बाधित
करने
के
खिलाफ
किया
गया
है।
इसके
साथ
ही
किसान
संगठन
प्रशासन
की
ओर
से
उनके
लोगों
को
कथित
रूप
से
परेशान
करने
का
भी
आरोप
लगा
रहे
हैं।
चक्का
जाम
में
क्या
होगा
?
चक्का
जाम
के
दौरान
पूरे
देश
में
किसान
संगठन
नेशनल
हाइवे
और
स्टेट
हाइवे
को
पूरी
तरह
से
जाम
करेंगे
और
वाहनों
की
आवाजाही
रोकेंगे।
जो
लोग
जाम
में
फंसेंगे
उनका
क्या?
वैसे
किसान
नेताओं
ने
26
जनवरी
की
घटनाओं
के
मद्देनजर
चक्का
जाम
को
शांतिपूर्ण
और
अहिंसक
रखने
की
अपील
की
है।
इसके
अलावा
भारतीय
किसान
यूनियन
के
नेता
राकेश
टिकैत
ने
कहा
है
कि
जो
गाड़ियां
चक्का
जाम
में
फंस
जाएंगी,
उनके
यात्रियों
को
पानी
और
खाने
की
चीजें
दी
जाएंगी।
लोगों
को
चना
और
मूंगफली
देने
की
भी
बात
कही
गई
है।
क्यों
महत्वपूर्ण
है
ये
चक्का
जाम
?
26
जनवरी
की
ट्रैक्टर
परेड
के
बाद
यह
किसानों
का
सबसे
बड़ा
शक्ति
प्रदर्शन
होगा।
उस
दिन
किसान
दिल्ली
पुलिस
के
साथ
तय
किए
गए
रास्ते
से
भटक
गए
थे
और
राजधानी
में
अराजकता
की
स्थिति
पैदा
हो
गई
थी।
कई
जगहों
पर
पुलिस
के
साथ
वे
भिड़
भी
गए
थे।
लालकिले
पर
उपद्रवियों
ने
एक
धार्मिक
झंडा
तक
फहरा
दिया
था
और
तिरंगे
की
अपमान
की
घटना
भी
हुई
थी।
कहां
नहीं
होगा
चक्का
जाम
?
किसान
संगठनों
ने
दिल्ली
और
राष्ट्रीय
राजधानी
क्षेत्र
को
चक्का
जाम
से
पूरी
तरह
से
मुक्त
रखने
की
बात
कही
है।
यही
नहीं
किसान
संगठनों
ने
उत्तर
प्रदेश
और
उत्तराखंड
में
भी
चक्का
जाम
नहीं
करने
का
फैसला
किया
है।
यह
फैसला
संयुक्त
किसान
मोर्चा
के
बलबीर
सिंह
राजेवाल
और
भारतीय
किसान
यूनियन
के
राष्ट्रीय
प्रवक्ता
राकेश
टिकैट
के
बीच
शुक्रवार
को
हुई
बैठक
के
बाद
लिया
गया
है।
किस
किसान
संगठन
का
चक्का
जाम
को
समर्थन
नहीं
है
?
राष्ट्रीय
स्वयं
सेवक
संघ
से
जुड़ा
भारतीय
किसान
संघ
इस
चक्का
जाम
का
समर्थन
नहीं
कर
रहा
है।
दिल्ली
पुलिस
के
क्या
इंतजाम
हैं
?
हालांकि,
किसान
संगठनों
ने
दिल्ली
को
चक्का
जाम
से
अलग
रखा
है,
लेकिन
26
जनवरी
की
घटनाओं
को
देखते
हुए
दिल्ली
पुलिस
ने
सुरक्षा
के
पुख्ता
इंतजाम
किए
हैं।
इसने
राष्ट्रीय
राजधानी
की
सभी
सीमाओं
पर
सुरक्षी
कड़ी
कर
दी
है।
गाजीपुर
बॉर्डर
पर
आवाजाही
रोकने
के
लिए
कई
लेयर
की
बैरिकेडिंग
की
गई
है।
रास्तों
पर
कंटीली
तार
भी
लगाई
गई
है।
हरियाणा
पुलिस
की
क्या
है
तैयारी
?
कानून
और
व्यवस्था
बनाए
रखने
के
लिए
हरियाणा
पुलिस
ने
सुरक्षा
के
पुख्ता
इंतजाम
किए
हैं।
सभी
वरिष्ठ
पुलिस
अधिकारियों
से
कहा
गया
है
कि
वह
निजी
तौर
पर
सुरक्षा
इंतजामों
का
जायजा
लें
और
मुख्य
जगहों
पर
ट्रैफिक
पर
निगरानी
रखें।
जिले
के
पुलिस
अधीक्षकों
से
पर्याप्त
तादाद
में
पुलिस
की
तैनाती
करने
के
लिए
भी
कहा
गया
है।
इसके
साथ
ही
खुफिया
नेटवर्क
को
भी
सक्रिय
कर
दिया
गया
है।
हरियाणा
के
गृहमंत्री
अनिल
विज
ने
किसान
संगठन
के
नेताओं
से
हड़ताल
वापस
लेने
की
अपील
की
है।
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