Covaxin का उत्पादन बढ़ाने के लिए भारत बायोटेक को केंद्र देगा बूस्टर डोज, इतनी रकम मिलेगी
नई दिल्ली, 16 अप्रैल: देश में कोरोना के बढ़ते प्रकोप और वैक्सीन की बढ़ती डिमांड को देखते हुए केंद्र सरकार ने देसी वैक्सीन कोवैक्सिन को बूस्टर डोज देने का फैसला किया है। इसके तहत सरकार इसकी निर्माता कंपनी भारत बायोटेक को 65 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मुहैया कराएगी। इसकी जानकारी डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी ने एक बयान जारी कर दी है। गौरतलब है कि कोवैक्सीन पूरी तरह से देश में विकसित एकमात्र कोविड-19 वैक्सीन है और इसका इस्तेमाल अभी राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान में किया जा रहा है। इसे भारत बायोटेक ने विकसित और निर्मित किया है। केंद्र सरकार ने इस कंपनी को ये अनुदान अपने 'आत्मनिर्भर भारत 3.0 मिशन कोविड सुरक्षा' के तहत देने का निर्णय लिया है।
जुलाई-अगस्त
तक
6-7
करोड़
डोज
की
उत्पादन
क्षमता
होगी
केंद्र
सरकार
के
मुताबिक
कोवैक्सिन
की
मौजूद
उत्पादन
क्षमता
मई-जून
तक
दोगुनी
हो
जाएगी
और
जुलाई-अगस्त
तक
यह
करीब
6
से
7
गुनी
हो
जाएगी।
अगर
दूसरे
शब्दों
में
कहें
तो
अप्रैल
में
1
करोड़
डोज
की
उत्पादन
क्षमता
बढ़कर
जुलाई-अगस्त
तक
6-7
करोड़
डोज
की
हो
जाएगी।
सरकार
को
उम्मीद
है
कि
इस
साल
सितंबर
आते-आते
इसका
उत्पादन
10
करोड़
डोज
हर
महीने
तक
पहुंच
जाएगा।
सरकार
ने
कहा
है,
'भारत
सरकार
की
ओर
से
यह
वित्तीय
सहायता
अनुदान
के
तौर
पर
भारत
बायोटेक
की
न्यू
बैंगलोर
फैसिलिटी
को
मुहैया
कराई
जा
रही
है,
जो
कि
करीब
65
करोड़
रुपये
की
है,
इससे
वैक्सीन
प्रोडक्शन
की
क्षमता
बढ़ाने
में
मदद
मिलेगी।'
महाराष्ट्र
सरकार
की
कंपनी
को
भी
मदद
की
घोषणा
भारत
बायोटक
के
अलावा
केंद्र
सरकार
ने
महाराष्ट्र
सरकार
की
पब्लिक
सेक्टर
इंटरप्राइजेज
हैफ्फकाइन
बायोफार्मास्युटिकल
लिमिटेड
को
भी
करीब
65
करोड़
रुपये
की
वित्तीय
मदद
देने
की
घोषणा
की
है।
अनुदान
के
तौर
पर
यह
सहायता
महाराष्ट्र
सरकार
की
इस
फैसिलिटी
को
निर्माण
के
लिए
तैयार
करने
के
उद्देश्य
से
दी
जाएगी।
हैफ्फकाइन
बायोफार्मास्युटिकल
लिमिटेड
ने
इस
कार्य
को
पूरा
करने
के
लिए
करीब
12
महीने
का
वक्त
मांगा
था।
हालांकि,
केंद्र
सरकार
ने
उनसे
कहा
था
कि
इस
कार्य
को
तेजी
से
करें
और
6
महीने
के
अंदर
पूरा
करें।
इस
फैसिलिटी
के
तैयार
हो
जाने
के
बाद
यहां
से
हर
महीने
2
करोड़
डोज
उत्पादित
की
जा
सकेगी।
इन
कंपनियों
को
भी
मिलेगी
सहायता
सरकार
ने
कहा
है,
'इंडियन
इम्यूनोलॉजिकल्स
लिमिटेड
(आईआईएल),
हैदराबाद
जो
कि
नेशनल
डेयरी
डेवलपमेंट
बोर्ड
के
अधीन
है
और
बायोटेक्नोलॉजी
डिपार्टमेंट
के
तहत
आने
वाली
एक
सीपीएसई
भारत
इम्यूनोलॉजिकल्स
और
बायोलॉजिकल्स
लिमिटेड,
बुलंदशहर
को
भी
भारत
सरकार
अगस्त-सितंबर,
2021
तक
अपनी
फैसिलिटी
को
1
से
1.5
करोड़
डोज
तैयार
करने
की
लिए
मदद
देगी।'
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