अब आसान नहीं होगा हाईवे पर बिना जीएसटी बिल सामान ले जाना, सरकार ने उठाया बड़ा कदम
नई दिल्ली। केंद्र सरकार अब जीएसटी की चोरी करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने जा रही है। सोमवार को लोकसभा में सरकार ने इस बात की जानकारी दी है कि वह अब फास्ट टैग बैंक प्रणाली को ई-वे बिल और लॉगिस्टिक डेटा सुविधा की शुरुआत करने जा रही है जिससे कि सामान के आने आने जाने पर नजर रखी जा सके। इस प्रणाली से जो लोग जीएसटी की चोरी करते हैं उनकी धरपकड़ की जा सकती है। यानि अब अगर हाईवे पर बिना जीएसटी बिल के सामान ले जाते दिखे तो हाईवे पर ही इस प्रणाली के जरिए आपके सामान का बिल जेनरेट किया जाएगा और आपसे कर की वसूली की जाएगी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि सरकार नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया पर फास्ट टैग प्रणाली के जरिए ई-वे बिल प्रणाली की शुरुआत करने जा रही है। इसक जरिए सामान के आवागमन पर नजर रखी जाएगी और फास्ट टैग सिस्टम के जरिए इसकी जांच भी की जा सकती है।
इस बाबत अधिकारियों की एक कमेटी का भी गठन किया गया है, जिसमे केंद्र सरकार, राज्य सरकार, जीएसटीएन, एनआईसी, जीएसटी काउंसिल के सदस्य शामिल होंगे, जिकि आरएफआईडी डाटा का इस्तेमाल करके ई-वे बिल प्रणाली को और भी मजबूत करेंगे। इस कमेटी का गठन जीएसटी काउंसिल ने किया था। निर्मला सीतारमण ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग के प्रतिनिधि और एनपीसीआई यानि नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के लोगों को भी कमेटी में शामिल किया गया है। अधिकारियों की इस कमेटी ने अपनी एक रिपोर्ट जीएसटी काउंसिल को सौंप दी थी, जिसमे फास्ट टैग सिस्टम को ई-वे बिल के साथ इस्तेमाल का सुझाव दिया गया था।
वित्त मंत्री ने कहा कि कमेटी के सुझाव पर विचार किया जा रहा है। फास्ट टैग को एलटीबी के साथ शामिल करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया था। जिसमे सेंट्रल बोर्ड एंड इंडायरेक्ट इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवेलपमेंट कॉर्पोरेशन और इसके सहयोगी शामिल थे, जिन्होने इसकी जांच की थी कि क्या इस प्रणाली को लागू किया जा सकता है। कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट को पेश कर दिया है, जिसकी जांच चल रही है।
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