मणिपुर में हिंसा को रोकने के लिए सरकार ने 4000 पैरामिलिट्री जवान भेजे
रविवार को विरोध प्रदर्शन काफी हिंसक हो गया, जिसमें कम से 22 गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया था।
नई दिल्ली। मणिपुर में इन दिनों स्थानीय लोग नागा विद्रोहियों के आर्थिक नाकेबंदी और सुरक्षा बलों पर आतंकी हमले का विरोध कर रहे हैं। रविवार को विरोध प्रदर्शन काफी हिंसक हो गया, जिसमें कम से 22 गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया।
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मणिपुर में हो रही इस हिंसा को काबू में करने के लिए केन्द्र सरकार ने 4000 पैरामिलिट्री जवानों को मणिपुर भेजा है। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले दो दिनों में करीब 1500 पैरामिलिट्री जवान मणिपुर भेजे जा चुके हैं। इसके अलावा पिछले हफ्ते में भी करीब 2,500 पैरामिलिट्री जवानों को मणिपुर भेजा जा चुका है।
सुरक्षा बलों को मणिपुर वहां की खराब होती स्थिति को देखते हुए भेजा गया है। 1 नवंबर से यूनियन नागा काउंसिल द्वारा नेशनल हाईवे पर आर्थिक नाकेबंदी के चलते यह हिंसा हुई है।
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यूनियन नागा काउंसिल ने नेशनल हाईवे एनएच-2 (इंफाल-दीमापुर) और एनएच 37 (इंफाल-जिरीबाम) पर आर्थिक नाकेबंदी कर दी है। आपको बता दें कि इन्हीं रास्तों के जरिए मणिपुर को रोजमर्रा की जरूरी चीजें मुहैया होती हैं।
इंफाल के कुछ इलाकों में रविवार को कर्फ्यू भी लगा दिया गया था। यह कर्फ्यू तब लगाया गया जब भीड़ ने इंफाल-उखरुल रोड पर करीब 22 वाहनों को आग के हवाले कर दिया।
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1 नवंबर से जारी है नागाओं की नाकेबंदी
नागा विद्रोहियों ने 1 नवंबर से ही राज्य में आर्थिक नाकेबंदी कर रखी है जिसके बाद दिन प्रति दिन हालात बदतर होते जा रहे हैं। इस नाकेबंदी की वजह से राज्य में रोजमर्रा की जरूरत के सामानों के दाम काफी बढ़ गए हैं।
शनिवार को 70 के करीब नागा विद्रोहियों ने पुलिस चेकपोस्ट पर हमला किया था और वे दो जवानों को घायल कर 9 ऑटोमेटिक राइफल उठा ले गए थे। नागाओं के खिलाफ सिविल सोसायटी ग्रुप ने बंद का आयोजन किया था जिस दौरान बड़े पैमाने पर आगजनी हुई।