कैंसर समेत कई दुर्लभ बीमारियों की 50 दवाएं होंगी सस्ती, सरकार ने उठाया बड़ा कदम
नई दिल्ली। केंद्र सरकार महत्वपूर्ण दवाओं पर मुनाफाखोरी खत्म करने लिए कैंसर और अन्य बीमारियों वाली 50 से अधिक दवाओं पर लिए जाने वाले व्यापार मार्जिन को निर्धारित करने वाली है। दवा विक्रेताओं और थोक व्यापारी द्वारा इन बीमारियों की 50 से अधिक ड्रग्स पर 25-30% की दर से मार्जिन ले रहे हैं। जिसके चलते इन बीमारियों की दवाएं काफी महंगी होती हैं। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि वर्तमान में मूल्य विनियमन से छूट दी गई है।
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, इस महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ हुई एक उच्च-स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया था। स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) द्वारा तैयार की गई लगभग 50 दवाओं की सूची में 39 कैंसर रोधी और अन्य दुर्लभ बीमारियों की दवाएं हैं।
जो इन कैंसर जैसी दुर्लभ बीमारियों में उपयोग में लाई जाती हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने स्वास्थ्य मंत्रालय से उन दवाओं की लिस्ट बनाने को कहा जो कैंसर और दुर्लभ बीमारियों में इस्तेमाल होती हैं और सूची के अंतर्गत नहीं आतीं। ये वो दवाईयां हैं जिनका दाम नियंत्रण से बाहर है और इन्हें सस्ता करने के लिए ध्यान दिए जाने की जरूरत है।
अधिकारी का कहना है कि इस संबंध में लिस्ट सौंप दी गई है और इस बारे में जल्द आदेश जारी कर दिए जाएंगे। सरकार ट्रेड मार्जिन यानी व्यापारिक लाभ को निर्धारित करने के लिए 'ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर' के पैरा 19 का इस्तेमाल करेगी। यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि कई कैंसर और दुर्लभ बीमारी की दवाओं की कीमत बेहद अधिक है और यह मूल्य विनियमन के दायरे से भी बाहर हैं। सरकार द्वारा व्यापार मार्जिन में बदलाव कर ये दावएं सस्ती की जाएंगी। इससे थोक विक्रेताओं, वितरकों और केमिस्टों द्वारा लिए गए अत्यधिक लाभ को नियंत्रित किया जाएगा।
नये नियम लागू होने के बाद मूल्य-नियंत्रित दवाओं पर व्यापार मार्जिन को क्रमश 8% और 16% पर थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं के लिए रखा गया है। इस दवाईयां इस सूची से बाहर है उस पर कंपनियां जिनता चाहें उनती मार्जिन तय कर सकती है।