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केंद्र सरकार ने कॉलेजियम द्वारा भेजे गए दो जजों के नाम को पुनर्विचार के लिए वापस लौटाया

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने दो हाई कोर्ट के दो जजों के नाम को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजा था। इन जजों को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाने का प्रस्ताव कॉलेजियम की ओर से केंद्र सरकार को भेजा गया था। लेकिन केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव को वापस कर दिया है। जजों के नाम को केंद्र सरकार ने वरिष्ठता के आधार पर वापस भेजा है और एक बार फिर से इसपर विचार करने को कहा है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजिमय में कुल पांच जज होते हैं, जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश करते हैं।

वरिष्ठता को लेकर खड़ा किया सवाल

वरिष्ठता को लेकर खड़ा किया सवाल

कॉलेजियम ने झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अनिरुद्ध बोस और गुवाहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एएस बोपन्ना के नाम का प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजा था। लेकिन जिस तरह से केंद्र सरकार ने इस पर अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए वापस भेजा है उसके बाद एक बार फिर से कॉलेजियम दोनों ही नामों पर विचार करेगा। जस्टिस बोस मुख्य रूप से कोलकाता कोर्ट से आते हैं, वह वरिष्ठता सूचि में 12वें स्थान पर हैं। जबकि जस्टिस बोपन्ना की मुख्य कोर्ट कर्नाटक हाई कोर्ट है, वह वरिष्ठता की सूचि में 36वें पायदान पर आते हैं।

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पहले भी ठुकराया था नाम को

पहले भी ठुकराया था नाम को

बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम और केंद्र सरकार के बीच आम सहमति नहीं बनी है। इससे पहले भी जजों की नियुक्ति को लेकर दोनों में अलग-अलग राय देखने को मिली है। इससे पहले केंद्र सरकार ने जस्टिस केएम जोसेफ की नियुक्ति को भी ठुकरा दिया था। जनवरी 2018 में कॉलेजियम ने उनके नाम को हरी झंडी दे दी थी। सरकार का कहना था कि जस्टिस जोसेफ केरल हाई कोर्ट में वरिष्ठ नहीं हैं, उनकी पैरेंट कोर्ट में उनसे अधिक वरिष्ठ जज मौजूद हैं। लेकिन पिछले वर्ष जुलाई माह में एक बार फिर से कॉलेजियम ने उनके नाम को आगे बढ़ाया, जिसके बाद सरकार ने उनके नाम को हरी झंडी दे दी। बता दें कि अगर सुप्रीम कोर्ट के जज मुख्य न्यायाधीश बनते हैं तो उनकी वरिष्ठता काफी मायने रखती है।

अधिकतम 31 जज

अधिकतम 31 जज

12 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने जस्टिस बोस और बोपन्ना के नाम को आगे बढ़ाया था और कहा गया था कि दोनों ही जजों को उनकी योग्यता और सम्मान के आधार सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है। बता दें कि अगर दोनों ही जजों के नाम पर केंद्र सरकार अपनी मुहर लगा देता है तो सुप्रीम कोर्ट में कुल जजों की संख्या 29 हो जाएगी, जबकि सुप्रीम कोर्ट में अधिकतम 31 जज हो सकते हैं।

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English summary
Centre returned the two judges name send by collegium ask to rethink.
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