असम, मणिपुर में उल्फा समेत चार उग्रवादी संगठनों से शांति समझौता कर सकती है केंद्र सरकार
नई दिल्ली। केंद्र सरकार असम और मणिपुर के चार उग्रवादी संगठनों के साथ जल्दी ही शांति समझौता पर हस्ताक्षर कर सकती है। असम में यूनाइटेड लिब्रेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) समेत तीन और मणिपुर में एक उग्रवादी संगठन से समझौते को लेकर बातचीत चल रही है। रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व विशेष सचिव एबी माथुर इस समझौते के लिए वार्ताकार की भूमिका में हैं। रविवार को माथुर ने कहा है कि असम के तीन और मणिपुर के एक उग्रवादी संगठन से बातचीत अपने दौर में है।
एक कार्यक्रम में दिल्ली आए ए बी माथुर ने रविवार को कहा, 'हम असम में उल्फा, नैशनल डेमोक्रैटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) और कारबी ग्रुप से बात कर रहे हैं। वहीं, मणिपुर में कुकी ग्रुप से भी बातचीत चल रही है। बातचीत संतोषजनक तरीके से चल रही है और मुझे उम्मीद है कि जल्दी ही समझौते पर हस्ताक्षर हो जाएंगे।
उल्फा के जनरल सेक्रेटरी अनूप चेतिया ने भी एक अखबार से बातचीत में कहा है कि केंद्र सरकार के साथ उनकी बातचीत आखिरी दौर में है और अगले दो महीनों में समझौता हो जाने की उम्मीद है। उल्फा की ओर से कहा गया है कि अब तक बातचीत सकारात्मक रही है और कई मुद्दों का हल निकला है। माना जा रहा है कि शान्ति समझौता हो जाता है तो इससे असम और मणिपुर में शान्ति आएगी।
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