क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

एडल्टरी कानून: सुप्रीम कोर्ट में दाखिल पिटिशन पर केंद्र का जवाब, याचिका खारिज हो, लॉ कमिशन देख रही है मामला

By Ankur Kumar Srivastava
Google Oneindia News

नई दिल्‍ली। केंद्र सरकार ने उस याचिका को खारिज करने की मांग की है जिसमें धारा-497 के वैधता को चुनती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि इस मुद्दे को पहले लॉ कमिशन देख रही है। सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता द्वारा अर्जी दाखिल कर कहा गया है कि आईपीसी की धारा-497 के तहत एडल्टरी के मामले में पुरुषों को दोषी पाए जाने पर सजा दिए जाने का प्रावधान है जबकि महिलाओं को नहीं। ऐसे में यह कानून भेदभाव वाला है और इस कानून को गैर संवैधानिक घोषित किया जाए।

एडल्टरी कानून: सुप्रीम कोर्ट में दाखिल पिटिशन पर केंद्र का जवाब, याचिका खारिज हो, लॉ कमिशन देख रही है मामला

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए अपने हलफनामे में कहा है कि एडल्टरी एक अपराध ही रहना चाहिए।एडल्टरी कानून को खत्म करने से विवाह की पवित्रता पर असर पड़ेगा। एडल्टरी को वैधानिक (लीगल) बनाने से वैवाहिक संबंधों को नुकसान होगा। केंद्र ने कहा है कि धारा 497 को विवाह की पवित्रता की रक्षा करने के लिए बनाया गया था।

एडल्टरी कानून को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संवैधानिक पीठ कर रही है।मौजूदा कानून के मुताबिक, शादी के बाद किसी दूसरी महिला से संबंध बनाने पर अभी तक सिर्फ पुरुष के लिए ही सजा का प्रावधान है। महिलाओं को इस मामले में कोई सजा नहीं होती। क्योंकि कानून में महिला शब्द का कोई जिक्र ही नहीं है।

Comments
English summary
Plea seeking action against women for adultery: Union of India today filed an affidavit in the Supreme Court and opposed the PIL filed by Joseph Shine, seeking to make men and women equally liable under the offence of adultery under section 497 of IPC.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X