छह पनडुब्बियां निर्माण को केंद्र सरकार ने दी मंजूरी, बिपिन रावत भी बैठक में हुए शामिल
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने रूस की रोसोबोरोनेक्सपोर्ट और फ्रांसीसी फर्म नेवल ग्रुप समेत वैश्विक युद्धपोत निर्माताओं को नौसेना के लिए छह पनडुब्बियां बनाने के लिए शॉर्टलिस्ट किया है। इस परियोजना की लागत लगभग 50,000 करोड़ रुपये बताई जा रही है। अन्य शॉर्टलिस्ट की गई विदेशी कंपनियों में दक्षिण कोरियाई देवो, जर्मन थिसेनक्रुप मरीन सिस्टम और स्पेनिश नवान्टिया शामिल हैं। इस प्रक्रिया के तहत चुने गईं कंपनियों में लार्सन एंड टुब्रो और राज्य के स्वामित्व वाली फर्म मझगांव डॉक्स एंड इंजीनियर्स शामिल हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) की बैठक में ये निर्णय किए गए जिसमें प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत और अन्य शीर्ष अधिकारी भी मौजूद थे। रक्षा मंत्रालय ने कहा, डीएएसी ने स्वदेशी स्रोतों से 5,100 करोड़ रुपये के सैन्य साजो-सामान की खरीद को स्वीकृति प्रदान कर दी। इनमें सेना के लिए डीआरडीओ द्वारा डिजाइन और भारतीय उद्योग द्वारा स्थानीय स्तर पर निर्मित की गईं अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियां शामिल हैं।
डीएसी ने एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में भारतीय रणनीतिक भागीदारों और संभावित मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) के चयन को भी मंजूरी दे दी जो रणनीतिक भागीदारी मॉडल के तहत भारत में छह पारंपरिक पनडुब्बियों के निर्माण का कार्य करेंगे। इस मॉडल के तहत चयनित निजी कंपनियों को ओईएम के साथ भागीदारी में भारत में पनडुब्बी और लड़ाकू विमानों जैसे सैन्य साजो-सामान के निर्माण में उतारा जा रहा है।
रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत की डीएसी, 2020 की यह पहली बैठक थी। जिसमें रक्षा खरीद प्रक्रिया में रक्षा उत्कृष्टता (iDEX) के लिए नवाचारों को शामिल करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। मंत्रालय ने कहा, यह सशस्त्र बलों के लिए पूंजी खरीद में सहायता प्रदान करेगा। आईडेक्स के लिए काम करने वाले स्टार्टअप्स और इनोवेटर्स अपने नवोदित प्रयासों के लिए भारी भरकम सहायता प्रदान करेंगे।
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