Vijay Mallya case: केंद्र ने SC में बताया-ब्रिटेन में कानूनी जटिलताओं के चलते हो रही है प्रत्यर्पण में देरी
नई दिल्ली। Vijay Mallya's extradition from UK, केंद्र सरकार ने भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या(Vijay Mallya) के प्रत्यर्पण में हो रही लगातार देरी की वजह आज सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) को बताई है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि, भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। कुछ कानूनी मसलों के चलते ही इस मामले में देरी हो रही है। बता दें कि, विजय माल्या, बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस पर बैकों का 9 हजार करोड़ रुपए से भी अधिक बकाया राशि का भुगतान नहीं करने के मामले में आरोपी है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस उदय यू ललित और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ से सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने कहा विदेश मंत्रालय से यूके सरकार ने कहा है कि वे भारत सरकार के मामले के महत्व से अवगत हैं। ब्रिटेन में कानूनी जटिलताएं हैं जो प्रत्यर्पण में बाधा बन रही हैं। विदेश मंत्रालय (MEA) ने यूके सरकार के साथ इस मुद्दे को उठाया है। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 15 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी।
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की ओर से सर्वोच्च अदालत को ब्रिटेन से विजय माल्या के प्रत्यर्पण की स्थिति पर विदेश मंत्रालय के अधिकारी देवेश उत्तम का एक पत्र भी दिखाया गया। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सर्वोच्च अदालत को बताया कि विदेश मंत्रालय ने ब्रिटेन की बोरिस जॉनसन की सरकार के साथ माल्या के प्रत्यर्पण का मसला उठाया है। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी कोशिश कर रही है लेकिन स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया है। राजनयिक स्तर से लेकर प्रशासनिक स्तर तक इस मामले को बार-बार उठाया जा रहा है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ अवमानना मामले की सुनवाई कर रहा है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि भगोड़े शराब कारोबारी के प्रत्यर्पण का आदेश ब्रिटेन की सर्वोच्च अदालत दे चुकी है, लेकिन इस पर अमल नहीं किया जा रहा है। न्यायालय ने पिछले साल दो नवंबर को केन्द्र को भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को भारत लाने के बारे में ब्रिटेन में प्रत्यर्पण को लेकर लंबित कार्यवाही की स्थिति रिपोर्ट छह सप्ताह के भीतर पेश करने का निर्देश दिया था।
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