लॉकडाउन 4 की गाइडलाइंस में शामिल प्रतिबंधों में राहत नहीं दे सकतीं राज्य सरकारें:MHA
नई दिल्ली। लॉकडाउन 4 की नई गाइडलाइंस आज से लागू हो गई है। लॉकडाउन 4 में राज्य सरकार को कुछ छूट दी गई है। जोन का निर्धारण उन्हें अपने हिसाब से करने की छूट मिली है, लेकिन केंद्र सरकार ने साफ शब्दों में कहा है कि लॉकडाउन 4 की गाइडलाइंस में शामिल किए गए प्रतिबंधों में राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश ढील नहीं दे सकते हैं। गृह मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों को दिशानिर्देश जारी कर कहा गया है कि वो लॉकडाउन की गाइडलाइंस में शामिल किए गए प्रतिबंधों में कोई राहत न दें। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने है कि राज्य और केंद्रशासित प्रदेश एमएचए द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों को कम या उनमें बदलाव नहीं कर सकते हैं, बल्कि अपने राज्य की स्थिति का आकलन कर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश, विभिन्न क्षेत्रों में कुछ अन्य गतिविधियों पर प्रचिबंध लगा सकते हैं।
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राज्य सरकार के पास अधिकार नहीं
लॉकडाउन
4
की
गाइडलाइंस
में
कई
रियायत
दी
गई
है,
लेकिन
केंद्र
सरकार
का
कहना
है
कि
व्यापक
पैमाने
पर
रियायत
के
बावजूद
राज्य
और
केंद्र
शासित
प्रदेश
लॉकडाउन
की
गाइडलाइनों
में
शामिल
प्रतिबंधों
में
ढील
नहीं
दे
सकते
हैं।
गृह
मंत्रालय
ने
स्पष्ट
शब्दों
में
कहा
है
कि
लॉकडाउन
4
में
प्रतिबंधों
में
पहले
से
ही
काफी
ढील
दी
गई
है।
इसके
बाद
राज्य
और
केंद्र
शासित
प्रदेश
इन
दिशानिर्देशों
में
और
छूट
नहीं
दे
सकती
हैं।
अधिक प्रतिबंध लगाने की छूट
केंद्र सरकार ने कहा है कि राज्य सरकारें लॉकडाउन 4 में शामिल किए गए प्रतिबंधों में छूट देने के बजाए अपने -अपने राज्यों में कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए अन्य गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा सकते हैं। यानी राज्य सरकारों के पास प्रतिबंधों में छूट देने का अधिकार तो नहीं है, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के अलावा वो चाहे तो अपने राज्यों में संक्रमण को रोकने के लिए और अधिक प्रतिबंध लगा सकते हैं। राज्यों को उनके कोविड-19 के मामलों की संख्या को देखते हुए रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन में श्रेणीबद्ध करने के अधिकार दिया गया है।
लॉकडाउन 4 में बने 5 जोन
लॉकडाउन
4
में
इस
बार
तीन
के
बजाए
पांच
जोन
बनाए
गए
हैं।
जोन
का
निर्धारण
राज्यों
और
केंद्र
शासित
प्रदेशों
पर
छोड़ा
गया
है।
इनमें
निम्नलिखित
जोन
शामिल
हैं।
इनमें
रेड,
ऑरेंज
और
ग्रीन
जोन
को
तय
करने
का
अधिकार
राज्य
सरकारों
के
पास
है
तो
वहीं
कंटेनमेंट
जोन
और
बफर
जोन
का
निर्धारण
जिला
प्रशासन
करेगा।
रेड
जोन
ग्रीन
जोन
ऑरेंज
जोन
कंटेनमेंट
जोन
बफर
जोन