प्याज की कीमतों को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, आयात नियमों में दी ढील
नई दिल्ली। आलू और टमाटर के बाद अब प्याज की कीमतों ने लोगों के आंसू निकाल दिए है। प्याज की कीमतों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। सरकार ने आसमान छू रही प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने विदेशों से आयात होने वाले प्याज के नियमों में ढील दी है। इसके साथ ही सरकार ने बफर स्टॉक से प्याज को अधिक जारी करने का फैसला किया है।
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केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा, यह खुले बाजार में अपने बफर स्टॉक से अधिक प्याज को उतार देगा। जिससे प्याज की कीमतों पर अंकुश लगेगा। 37 लाख टन की खरीफ की फसल मंडियों में पहुंचने की संभावना है। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में बुधवार को कहा गया कि, प्याज के आयात को सुविधाजनक बनाने के लिए, सरकार ने आज प्लांट क्वारंटाइन ऑर्डर, 2003 के तहत फाइटोसैनेटिक सर्टिफिकेट पर अतिरिक्त घोषणा के लिए शर्तों में ढील दी।
बयान में कहा गया है कि ये ढील 15 दिसंबर 2020 तक जारी रहेगी। भारत सरकार ने अपने बयान में कहा कि, मध्यम कीमतों के लिए, बफर स्टॉक से प्याज को सितंबर 2020 की दूसरी छमाही से प्रमुख मंडियों में खुदरा विक्रेताओं जैसे सफाल, केन्द्रीय भंडार और एनसीसीएफ और राज्य सरकारों को जारी किया गया है। आने वाले दिनों में और अधिक मात्रा में प्याज को वफर स्टॉक से रिलीज किया जाएगा।
भारतीय उच्च आयोगों को संबंधित देशों में निर्देश दिया गया है कि वो देश में प्याज के अधिक आयात के लिए व्यापारियों से संपर्क करें। सरकार ने यह भी कहा कि आयात की गई प्याज की ऐसी खेप जो पीएससी पर बिना फ्यूमिगेट किए भारतीय बंदरगाह में पहुंचती है, उसे भारत में आयातक द्वारा फ्यूमिगेट किया जाएगा। आयातकों के सामने ये शर्त रखी जाएगी कि प्याज का उपयोग केवल उपभोग के लिए किया जाएगा।
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