कोरोना के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल हो सकता है बंद
नई दिल्ली। देश मे कोरोना के मामलों की संख्या में भले ही कमी देखने को मिल रही है, लेकिन कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए अभी तक कोई वैक्सीन देश को नहीं मिल पाई है। फिलहाल कुछ दवाओं और प्लाज्मा थेरेपी के जरिए मरीजों के इलाज की कोशिश की जा रही है। इसी बीच मंगलवार को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने ऐसे संकेत दिए हैं कि, इलाज के लिए प्लाज़्मा थेरेपी को बंद किया जा सकता है।
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प्लाज्मा थेरेपी इलाज के लिए प्रभावी नहीं: ICMR
आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल डॉक्टर बलराम भार्गव ने बताया कि इस पर चर्चा चल रही है कि नेशनल कोविड ट्रीटमेंट की गाइडलाइन्स से प्लाज्मा थेरेपी को हटाया जा सकता है। बलराम भार्गव के मुताबिक, 'हमने नेशनल टास्क फोर्स में हमारे प्लाज्मा थेरेपी ट्रायल के बारे में चर्चा की है, आगे हम जॉइंट मॉनिटरिंग ग्रुप में इसके बारे में चर्चा कर रहे हैं कि इसको नेशनल गाइडलाइंस से हटाया जा सकता है। यह चर्चा चल रही है और हम लगभग इसी और बढ़ रहे हैं।
कई बार प्लाज्मा थेरेपी पर सवाल उठा चुके हैं
गौरतलब है कि, आईसीएमआर इससे पहले कई बार प्लाज्मा थेरेपी पर सवाल उठा चुके हैं। हाल ही में उसने कहा था कि कोरोना के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी की जगह अब एंटीसेरा को विकल्प के रूप में इस्तेमाल में लाया जा सकता है। आईसीएमआर ने दावा किया कि उसने कोरोना के इलाज के लिए जानवरों के रक्त सीरम का इस्तेमाल करते हुए हाइली प्योरिफाइड एंटीसेरा विकसित किया है।
कई राज्यों ने कोरोना के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी का बड़ा रोल बताया
दरअसल सितंबर महीने में आईसीएमआर के प्लाज्मा थेरेपी के ऊपर किए गए ट्रायल के नतीजे सामने आए जिसमें कहा गया कि प्लाज्मा थेरेपी ना तो कोरोना मरीजों की मौत रोकने में कामयाब हो पा रही है, ना ही हालात बिगड़ने की रफ्तार पर ब्रेक लगा पा रही है। वहीं दूसरी ओर प्लाज्मा थेरेपी को इलाज से हटाए जाने को बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि कई राज्य गंभीर कोरोना मरीजों के इलाज में इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। कई राज्यों ने कोरोना के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी का बड़ा रोल बताया है।