क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

सरकार ने 327 दवाओं पर लगाया तत्काल प्रभाव से बैन, ये लोकप्रिय दवा भी शामिल

Google Oneindia News

Recommended Video

सिरदर्द से अब नहीं मिलेगा आराम, Ban हुई 328 FDC Medicines | वनइंडिया हिंदी

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 300 से अधिक दवाओं पर तत्काल प्रभाव से पाबंदी लगाने का बड़ा फैसला लिया। इन दवाओं को बनाने, बेचने और वितरण पर सरकार ने तत्काल प्रभाव से पाबंदी लगा दी है। जिन दवाओं पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने पाबंदी लगाई है उसमे कई चर्चित दवाएं भी शामिल हैं जिनका लोग रोजमर्रा के जीवन में इस्तेमाल करते हैं। सरकार की ओर से कुल 327 फिक्स्ड डोज कॉबिनेशन पर पाबंदी लगाई गई है, साथ ही छह अन्य दवाओं पर भी तत्काल प्रभाव से पाबंदी लगाई गई है।

6000 दवाइयों के ब्रांड पर पड़ेगा असर

6000 दवाइयों के ब्रांड पर पड़ेगा असर

सरकार की इस पाबंदी के बाद तकरीबन 6000 दवाईयों के ब्रांड्स पर इसका असर पड़ेगा, जिसमे कई लोकप्रिय दवाएं भी शामिल हैं, जिसमे मुख्य रूप से दर्दनिवारक सैरेडॉन, स्किन क्रीम पैंडर्म, कॉबिनेशन मधुमेह की दवा ग्लूकोनॉर्म पीजी, एंटिबयोटिक ल्युपिडिक्लोक्स, टैक्सिम एजेड है। इसके अलावा जो लोकप्रिय दवाएं इस पाबंदी के बाद बच गई है उनमे मुख्य रूप से पेंसिडिल कफ सिरप, डी कोल्ड टोटल, कोरेक्स सिरप अहम हैं। सरकार ने कुल 344 एफडीसी दवाओं पर 10 मार्च 2016 में पाबंदी लगाई थी, इस लिस्ट में अब पांच अन्य दवाओं को भी जोड़ दिया गया है।

15 दवाओं पर पाबंदी नहीं लगी

15 दवाओं पर पाबंदी नहीं लगी

सरकार की इस पाबंदी के बाद तमाम दवा कंपनियों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 15 दिसंबर 2017 को इस मामले को ड्रग टेक्निकल एडवायजरी बोर्ड को सौंप दिया था। डीटीएबी ने अपनी फाइनल रिपोर्ट दे दी , जिसके बाद 328 दवाएं ऐसी पाई गई जोकि लोगों के खतरनाक साबित हो सकती है। बोर्ड ने इन दवाओं पर पाबंदी की संस्तुति दी थी। वहीं छह अन्य दवाओं के मामले में बोर्ड ने कहा कि इन दवाओं पर भी पाबंदी लगनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार 344 में से 15 दवाओं पर डीटीएबी रिपोर्ट के आधार पर पाबंदी नहीं लगा सकती है, क्योंकि इन दवाओं का निर्माण भारत में 1988 के पहले से हो रहा है। जिसके बाद कई दवाओं जिनपर बैन लगाया जाना था, वह बैन से बच गई हैं।

कुछ दवाओं को प्रतिबंध के साथ बेचा जाएगा

कुछ दवाओं को प्रतिबंध के साथ बेचा जाएगा

आपको बता दें कि अभी भी तमाम एफडीसी दवाएं हैं जिनपर सरकार पाबंदी लगा सकती है। इन दवाओं की संख्या 500 से अधिक है, लिहाजा सरकार इन पर जल्द पाबंदी लगा सकती है। वहीं जिन छह दवाओं पर पाबंदी नहीं लगाई गई है, उसे कुछ प्रतिबंधों के साथ बेचा जा सकता है। लेकिन खास बात यह है कि इन दवाओं को बिना डॉक्टर के पर्चे के नहीं बेचा जा सकता है। आपको बता दें कि इन तमाम दवाओं के खिलाफ हेल्थ वर्कर्स के साथ ही संसद की एक कमेटी बनाई गई थी, जिसने इन दवाओं पर सवाल उठाया था। कमेटी का कहना था कि ये दवाएं बिना मंजूरी और अवैज्ञानिक तरीके से बनाई गई हैं। इन दवाओं को राज्यों ने मंजूरी दी है, लेकिन राज्य सरकार को किसी भी एलोपैथिक दवा को मंजूरी देने का अधिकार नहीं है।

इसे भी पढ़ें- वृंदावन में साधु के वेश में रह रहे दो बांग्लादेशी नागरिकों को पुलिस ने किया गिरफ्तारइसे भी पढ़ें- वृंदावन में साधु के वेश में रह रहे दो बांग्लादेशी नागरिकों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

कई देशों में है बैन

कई देशों में है बैन

गौर करने वाली बात है कि जिन दवाओं पर पाबंदी लगाई गई है वह कई देशों में पहले से ही बैन हैं। ये दवाएं अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, फ्रांस, जर्मनी में बैन है। लेकिन ये दवाएं भारत के साथ अन्य विकासशील देशों में बिक रही हैं। लेकिन सरकार के फैसले के बाद इन दवाओं की बिक्री पर रोक लग जाएगी। इससे पहले सिर्फ पुडुचेरी में इन एफडीसी दवाओं पर बैन लगा हुआ था। जिन 328 दवाओं पर पाबंदी लगी है उनका भारत में कुल 3800 करोड़ रुपए का कारोबार है, जोकि फार्मा सेक्टर का तकरीबन 3 फीसदी है।

इसे भी पढ़ें- मध्य प्रदेश में 33 हत्या करने वाले सनकी ने तीन और लोगों की हत्या को कबूला

Comments
English summary
Centre bans popular painkillers and 327 unsafe fixed dose drugs.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X