पेट्रोल पर 33 रुपए और डीजल से 32 रुपए प्रति लीटर कमा रही है सरकार, लोकसभा में बतानी पड़ी सच्चाई
नई दिल्ली। रोज-रोज बढ़ रहे पेट्रोल और डीजल के दाम बीते 27 फरवरी से एक समान हैं। चुनावी माहौल में यह बात सरकार के लिए राहत भरी हो सकती है लेकिन आज लोकसभा में सरकार ने जो माना है वो मुश्किल बढ़ाने वाला है। सरकार ने माना है कि पेट्रोल-डीजल से उसकी अच्छी कमाई हो रही है। लोकसभा में एक सवाल के जवाब में सरकार ने स्वीकार किया कि 6 मई 2020 के बाद से पेट्रोल और डीजल के उत्पाद शुल्क, उपकर और अधिभार से क्रमश: 33 रुपए और 32 रुपए प्रति लीटर की कमाई हो रही है। वहीं मार्च 2020 से 5 मई 2020 के बीच सरकार की ये आय क्रमश: 23 रुपए और 19 रुपए प्रति लीटर थी।
लोकसभा में सरकार ने कहा कि पेट्रोल 1 जनवरी से लेकर 13 मार्च 2020 के बीच सरकार की पेट्रोल और डीजल से प्रति लीटर 20 रु और 16 रुपए हो रही थी। वहीं अगर दिसंबर 2020 की तुलना की जाए तो सरकार को पेट्रोल से 13 रुपए प्रति लीटर और डीजल से 16 रुपए प्रति लीटर कमाई हो रही थी। आपको बता दें कि विपक्ष लगातार सरकार से सवाल करता रहा है कि देश में चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। इस चुनावी समय के बीच पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर कैसी हैं। जबकि इनकी कीमत रोज बाजार तय करता है।
इस सवाल पर लोकसभा में सरकार चुप्पी साधे रही। पेट्रोलियम उत्पादों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने के सवाल पर केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि ''जहां तक पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने का सवाल है, इस विषय को जीएसटी की शुरूआत के समय खुला रखा गया था। इसमें कहा गया था कि जीएसटी परिषद में राज्य और केंद्र मिलकर तय कर सकते हैं कि इसे कब इसके दायरे में लाना है।''