5 राज्यों में चुनाव के दौरान केंद्रीय मंत्रियों ने बैठक से ज्यादा प्रचार को समझा जरूरी
5 राज्यों में विधानसभा चुनाव के दौरान केंद्र सरकार के मंत्रियों ने कैबिनेट मीटिंग को तवज्जो दी ही नहीं।
नई दिल्ली। केंद्र की सरकार के कैबिनेट मंत्री, सरकारी बैठकों की जगह चुनाव प्रचारों को ज्यादा अहमियत देते हैं। यह चौंकाने वाली बात सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के बाद सामने आई है।
आरटीआई के जरिए यह जानकारी सामने आई है कि जिस वक्त देश में 5 राज्यों के चुनाव हो रहे थे , उस वक्त सरकार में मंत्री कैबिनेट बैठक की जगह चुनाव प्रचारों में जा रहे थे।
अधिकतर मंत्री नहीं थे मौजूद
मिली जानकारी के अनुसार 5 राज्यों के चुनाव के दौरान 4 महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठकों में अधिकतर मंत्री मौजूद नहीं थे। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली की ओर से यह सूचना प्रधानमंत्री कार्यालय से मांगी गई थी। पीएमओ ने इस आवेदन ने राष्ट्रपति भवन मौजूद मंत्रिमंडल सचिवाल को भेज दिया।
इसके बाद मंत्रिमंडल सचिवालय के अवर सचिव के. बंद्योपंध्याय ने आरटीआई के जवाब में जानकारी दी क 5 राज्यों के चुनाव के दौरान हुई चार कैबिनेट बैठकों में 1 फरवरी को 38 मंत्री , 8 फरवरी को 20 मंत्री , 15 फरवरी को 12 मंत्री और 22 फरवरी को 17 मंत्री ही मौजूद रहे।
सिर्फ 31 फीसदी मंत्री!
प्रतिशत के हिसाब से देखें तो पहली कैबिनेट बैठक में जहां 98 फीसदी मंत्री मौजूद थे, वहीं अन् तीन बैठकों में क्रमशः 52, 31 और 44 फीसदी मंत्री ही मौजूद थे।
बता दें कि केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 38 अन्य मंत्री हैं, जिसमें 25 कैबिनेट और 13 स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्री हैं। यह बात दीगर है कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में विधानसभा चुनाव के दौरान पूरी सरकार चुनाव प्रचार में उतर गई थी।
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