ओवैसी ने मोदी सरकार से पूछा-क्या चीन ने लद्दाख के भारतीय इलाके पर किया है कब्जा?
हैदराबाद। लद्दाख बॉर्डर पर भारत और चीन के बीच पिछले एक महीने से चल रहे विवाद पर अब केंद्र की मोदी सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई है। एआईएमआईएम चीफ और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री को देश को सच्चाई बतानी चाहिए कि आखिर चीन के साथ क्या बात हुई है। ये चुप्पी किस बात की है। इससे पहले आज कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी सरकार को इस मुद्दे पर घेरा।
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को सरकार हमला बोलते हुए पूछा कि, हमारी सेना और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एक-दूसरे से क्या बात कर रहे हैं। केंद्र सरकार को देश को बताना चाहिए कि वह चीन से क्या बात कर रहे हैं। वे शर्मिंदा क्यों हैं और चुप्पी क्यों साधे हुए हैं? क्या वे हमें बता सकते हैं कि लद्दाख में चीनी सेना ने भारतीय क्षेत्र पर कब्जा किया है या नहीं।
पूर्वी लद्दाख में करीब एक महीने से सीमा पर जारी गतिरोध को खत्म करने के किए भारत और चीन के सैन्य अधिकारियों ने शनिवार को एक बैठक हुई है। चुशूल-मोल्डो इलाके में सैन्य कमांडरों के बीच हुई उच्च स्तरीय वार्ता पर विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत सौहार्द्रपूर्ण और सकारात्मक माहौल में हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चुशुल-मोल्डो इलाके में छह घंटे तक हुई बातचीत के बाद भी न तो चीन अप्रैल पूर्व स्थिति में अपने सैनिकों को लौटाने पर राजी हुआ है और न ही अपने ऐतराज कम करने पर।
बता दें, दोनों देशों के बीच बीते मई माह के दौरान सिक्किम के नाकुला से लेकर पैंगोग झील और लद्दाख में गलवान घाटी में सैनिकों के बीच झड़प और आमने-सामने के तनाव की स्थिति बनी हुई है। गलवान घाटी में अब भी चीन और भारत के सैनिक आमने-सामने की स्थिति में तंबू लगाए बैठे हैं। भारत इस इलाके में निर्माण कार्य कर रहा है, जिस पर चीन की ओर से एतराज जताया गया है।