Farmer Protest: संसद का विशेष सत्र बुलाने पर विचार कर रही है सरकार, विपक्ष ने भी की यही मांग
नई दिल्ली। सिंघु बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन का आज 12वां दिन है और किसान लगातार कृषि कानून के विरोध में डटे हुए हैं। किसान किसी भी कीमत पर अपनी मांगों से समझौता करने को राजी नहीं हैं और इस बात का अंदाजा अब सरकार को भी लग चुका है। अभी तक किसान और सरकार के बीच पांच दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। हालांकि खबर है कि सरकार किसानों की मांग को देखते हुए कृषि कानून में संशोधन पर विचार कर रही है। तो वहीं दूसरी तरफ किसान इस कानून को ही रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
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गतिरोध खत्म करने के लिए बुलाया जा सकता है विशेष सत्र
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, किसानों के आंदोलन को देखते हुए सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाने पर विचार कर रही है। सरकारी सूत्रों की तरफ से ये जानकारी दी गई है कि किसानों के साथ चल रहे गतिरोध को खत्म करने के लिए सरकार विशेष सत्र बुलाने पर विचार कर रही है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि अभी विशेष सत्र बुलाए जाने पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। आपको बता दें कि किसान भी सरकार से संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रहे हैं।
कांग्रेस भी कर चुकी है मिनी शीतकालीन सत्र की मांग
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी ने भी सरकार से छोटे शीतकालीन सत्र को जल्दी बुलाने की मांग की है। गुरुवार को कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को पत्र लिखकर छोटे शीतकालीन सत्र को बुलाने का अनुरोध किया है, जिसमें किसान आंदोलन समेत कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जा सके।
9 दिसंबर को फिर होगी बातचीत
आपको बता दें कि शनिवार को किसानों और सरकार के बीच हुई पांचवे दौर की बातचीत में भी कोई निर्णय नहीं निकला। इस बैठक में भी किसान अपनी मांग पर अड़े रहे। सरकार की तरफ से कानून में संशोधन का प्रस्ताव दिया जा रहा है तो वहीं किसान इस कानून को ही रद्द करने की मांग कर रहे हैं। अब एकबार फिर से किसानों और सरकार के बीच 9 दिसंबर को छठवें दौर की बातचीत होगी।
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