केंद्र सरकार लेकर आई अध्यादेश, स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला किया तो हो सकती है सात साल की सजा
केंद्र सरकार लेकर आई अध्यादेश स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले किया तो होगी सात साल की सजा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले रोकने के उद्देश्य से अध्यादेश लेकर आई है। अध्यादेश में स्वास्थ्यकर्मी पर हमले का दोषी पाए जाने वाले को 6 महीने से 7 साल तक की सजा का प्रावधान है। साथ ही 1 लाख से 5 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि मेडिकल स्टाफ के खिलाफ होने वाले हमलों और उत्पीड़न को बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इसी को रोकने के लिए सरकार ये अध्यादेश लेकर आई है।
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मेडिकल स्टाफ पर हमले रोकने को अध्यादेश
जावड़ेकर ने कहा है कि स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा और उनको संरक्षण देने के लिए ये अध्यादेश लाया गया है। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद ये तुरंत प्रभाव से लागू हो जाएगा। अध्यादेश में जो प्रावधान हैं उनके मुताबिक, मेडिकल टीम पर हमला करने पर 3 महीने से 5 साल की सजा और 50,000 से 2 लाख रुपए तक का जुर्माना होगा। अगर गंभीर नुकसान हुआ है तो 6 महीने से 7 साल की सजा का प्रावधान और जुर्माना 1लाख से 5 लाख रुपए है।
क्लीनिक को नुकसान पर होगी वसूली
जावड़ेकर ने बताया है कि जावड़ेकर ने कहा कि महामारी रोग अधिनियम, 1897 में संशोधन कर अध्यादेश लागू किया जाएगा। ऐसा अपराध अब संज्ञेय और गैर-जमानती होगा। वहीं अगर स्वास्थ्य कर्मियों के वाहनों या क्लीनिक को नुकसान पहुंचाया गया तो ऐसा करने वालों से क्षतिग्रस्त की गई संपत्ति का बाजार मूल्य से दोगुना दाम मुआवजे के रूप में वसूला जाएगा।
जावड़ेकर ने स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 50 हजार का इंश्योरेंस की भी घोषणा की है। साथ ही उन्होंने बताया कि सरकार ने 1.88 करोड़ रकम की पीपीई का भी ऑर्डर दिया गया है।इसके अलावा प्रकाश जावड़ेकर ने जानकारी दी है कि हेल्थ ब्रीफिंग अब रोजोना ना होकर सप्ताह में 4 दिन होगी। प्रेस रिलीज और कैबिनेट ब्रीफिंग वैकल्पिक (अल्ट्रनेट) दिन की जाएगी। साथ ही उन्होंने बताया है कि प्लाइट कब शुरू होंगी इस पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है।
केंद्र ने राज्यों को लिखी है चिट्ठी
वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से राज्यों को चिट्ठी भी लिखी गई है। इसमें मेडिकल स्टाफ पर हमला करने वालों या उन्हें काम से रोकने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए कहा गया है। साथ ही कोरोना मरीज की मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार में बाधा डालने पर भी सख्ती से निपटने को कहा गया है। बता दें कि हाल के दिनों में खासतौर से कोरोना वायरस के मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्यकर्मियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है। कई बार उन पर हमले हुए हैं तो वहीं उनको पड़ोसियों और मकान मालिकों ने भी तंग किया है।
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