GST कलेक्शन में केंद्र सरकार को लगातार चौथे महीने मिली गुड न्यूज, फरवरी में भी 1 लाख करोड़ के पार
नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कलेक्शन को लेकर केंद्र सरकार के लिए बड़ी राहत की खबर सामने आई है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक लगातार चौथे महीन जीएसटी कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपये के पार रहा। फरवरी महीने में कुल जीएसटी कलेक्शन 1.05 लाख करोड़ रुपये रहा है जो कि पिछले साल फरवरी महीने के मुकाबले जीएसटी कलेक्शन से 8 फीसदी ज्यादा है। इससे पहले साल 2019 के नवंबर-दिसंबर और जनवरी 2020 में कुल जीएसटी कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक ही था।
रविवार को वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि, फरवरी 2020 में कुल जीएसटी कलेक्शन 1,05,366 करोड़ रुपये है, हालांकि अगर जनवरी 2020 के जीएसटी कलेक्शन पर नजर डालें तो यह 1.10 लाख करोड़ था। इस वर्ष फरवरी में सीजीएसटी 20, 569 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 27,348 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 48,503 करोड़ रुपये और सेम 8,947 करोड़ रुपये रहा है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक 29 फरवरी तक जनवरी महीने के लिए फाइल किए गए जीएसटीआर 3बी रिटर्न की कुल संख्या 83 लाख रहा।
Finance Ministry: GST collection for February stands at Rs 1,05,366 crore of which CGST is Rs 20,569 crore, SGST is Rs 27,348 crore & IGST is Rs 48,503 crore (including Rs 20,745 crore collected on imports) & Cess is Rs 8,947 crore (including Rs 1,040 crore collected on imports).
— ANI (@ANI) March 1, 2020
वहीं दूसरी ओर इंपोर्ट कलेक्टेड रेवेन्यू में 8 फीसदी का इजाफा भी देखने को मिला है। रेग्युलेटर सेटलमेंट के तौर पर फरवरी 2020 में राज्य सरकार और केंद्र सरकार के पास कुल 43,901 करोड़ रुपये एसजीएसटी व 43,155 करोड़ रुपये का सीजीएसटी रहा है। पिछले वर्ष फरवरी, 2019 के मुकाबले इस वर्ष घरेलू ट्रांजैक्शन के जरिए जीएसटी रेवेन्यू 12 फीसदी तक बढ़ा है। वस्तुओ की इंपोर्ट से कलेक्टेड जीएसटी रेवेन्यू क्षेत्र में भी 8 फीसदी का इजाफा हुआ है।
DBT
और
GST
एक
क्रांति
की
तरह:
निर्मला
सीतारमण
44वें
सिविल
लेखा
दिवस
कार्यक्रम
का
उद्घाटन
के
दौरान
केंद्रीय
वित्त
मंत्री
निर्मला
सीतारमण
ने
डायरेक्ट
बेनिफिट
ट्रांसफर
(डीबीटी)
और
गुड्स
एंड
सर्विसेज
टैक्स
(जीएसटी)
को
शांत
क्रांति
बताया
है।
उन्होंने
कहा
कि
पूरी
दुनिया
में
जहां
भी
हम
जाते
हैं
वहां
डीबीटी
और
जीएसटी
के
बारे
में
बातें
की
जाती
हैं।
ये
लोकतंत्र
में
एक
मूक
क्रांति
का
हिस्सा
बन
चुके
हैं।
केंद्रीय
वित्त
मंत्री
निर्मला
सीतारमण
ने
कार्यक्रम
में
आगे
कहा
कि
डायरेक्ट
बेनिफिट
ट्रांसफर
की
वजह
से
बिचौलियों
को
हटाया
गया
और
सरकार
के
साथ-साथ
इसका
फायदा
जनता
को
भी
हुआ।
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