मोदी सरकार की भारतमाला परियोजना फेज-1 में हो सकती है चार साल की देरी: ICRA
नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) की वजह से सरकार की भारतमाला परियोजना (बीएमपी) फेज-1 में चार साल की देरी हो सकती है। ये बात रेटिंग एजेंसी आईसीआरए (ICRA) ने कही है। एजेंसी के अनुसार, अब इस परियोजना के 2021-22 के बजाय 2025-26 में पूरे होने की संभावना है। आईसीआरए के सीनियर वाइस-प्रेजिडेंट शुभम जैन ने कहा, 'भारतमाला परियोजना की 16,219 किमी परियोजनाओं का आवंटन मार्च 2020 तक लंबित था। जो बीएमपी का 47 फीसदी है। हम ये उम्मीद करते हैं कि साल 2021 में आवंटन तीन हजार से 3200 किमी तक रहेगा।'
उन्होंने आगे कहा, 'जब इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट के माध्यम से एनएचएआई प्रस्तावित धन जुटाने का कार्य पूरा कर लेगा, तब आवंटन में और तेजी आएगी। ऐसे में भारतमाला परियोजना के तहत आवंटन साल 2023 तक पूरा होने की संभावना है।' जैन ने आगे कहा कि कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण प्रोडक्टिविटी और लेबर सीमित हो गए हैं। आईसीआरए ने उम्मीद जताई है कि 2021 तक कार्य की गति धीमी रहेगी, इसमें 2022 तक तेजी आ सकती है। इसके साथ जो भी स्थगित कार्य हैं, वो 2026 तक पूरा होने की संभावना है।
जानकारी के अनुसार, भारतमाला परियोजना के फेज-1 के तहत फरवरी 2020 में 246 सड़क परियोजनाएं आवंटित हुई थीं, जिनकी लागत 2.38 करोड़ रुपये है। आपको बता दें भारतमाला परियोजना सरकार की महत्वकांशी राष्ट्रीय राजमार्ग विकास योजना है। जिसके अंतर्गत राजमार्ग के साथ-साथ अधूरी पड़ी परियोजनाओं को भी पूरा किया जाएगा। इस योजना के जरिए बंदरगाह, सड़क, राष्ट्रीय गलियारों को बेहतर बनाना भी शामिल है।
इस परियोजना में पिछड़े इलाकों, पर्यटक और धार्मिक स्थलों को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग बनाना भी शामिल है। इसमें कई पुरानी राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजनाओं को भी शामिल किया गया है। वायरस के चलते जो स्थिति बनी हुई है, उसके सामान्य होने पर काम में तेजी आएगी। लेकिन 2020 में आवंटन के रुके रहने की ही संभावना है।
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