लोकसभा और राज्यसभा टीवी के विलय की तैयारी में केंद्र सरकार!
नई दिल्ली। सरकार द्वारा संचालित लोकसभा और राज्यसभा के टेलीविजन चैनलों का जल्द ही विलय हो सकता है। अभी इस बात की कोई जानकारी नहीं मिल सकी है कि नए चैनल का नाम क्या होगा और किस चैनल को नई यूनिट के संचालन में बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी। सरकारी सूत्रों ने विलय की खबरों की पुष्टि की है। हालांकि, इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि दोनों चैनलों का विलय कब तक होगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों चैनलों के विलय का ऐलान राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल दीपक वर्मा ने इंटर पार्लियामेंट्री यूनियन की 141वीं मीटिंग के दौरान किया था। दोनों चैनलों के विलय के पीछे कारणों का कोई जिक्र नहीं किया गया है। लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकारी खर्च में कटौती और चैनलों की गिरती रेटिंग इसके पीछे वजह हो सकती है।
ये भी कहा जा रहा है कि दोनों चैनलों पर आने वाला खर्च उनके सालाना रेवेन्यू से भी अधिक हो रहा है। लोकसभा टीवी पूरी तरह से लोकसभा की कार्यवाही को कवर करता रहा है। इसका संचालन लोकसभा सचिवालय द्वारा किया जाता है। जबकि राज्यसभा टीवी संसद के उच्च सदन द्वारा संचालित किया जाता है। सूत्रों के मुताबिक, शुरु में दोनों चैनलों को बंद कर किसी तीसरे चैनल को शुरू करने के विकल्प पर चर्चा हुई थी।
लेकिन अंत में राज्यसभा और लोकसभा टीवी के मर्जर पर आकर बात तय हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों चैनलों के मर्जर से जुड़ी प्रक्रिया पर प्रधानमंत्री कार्यालय नजरें बनाए हुए है। वहीं, खबर है कि आगे चलकर इसको लेकर एक कमेटी का गठन भी किया जा सकता है। इस कमेटी का नेतृत्व केंद्रीय कैबिनेट के प्रतिनिधि कर सकते हैं।
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