PFI को केंद्र ने गैरकानूनी संस्था घोषित किया, लगाया 5 साल का बैन
नई दिल्ली, 28 सितंबर। केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए इसे पांच साल के लिए तत्काल प्रभाव से गैरकानूनी संस्था घोषित कर दिया है। केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि पीएफआई और इसके सहयोगी संगठन या इससे जुड़े फ्रंट्स को अगले पांच साल के लिए गैर कानूनी संस्था घोषित करते हुए इसे प्रतिबंधित कर दिया है। गौर करने वाली बात है कि पिछले कुछ दिनों से पीएफआई के अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी करके सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
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मंगलवार को पीएफआई के खिलाफ केंद्र की ओर से दूसरी सबसे बड़ी कार्रवाई की गई थी। पीएफआई से जुड़े 270 लोगों को 7 अलग-अलग राज्यों से हिरासत में लिया गया था। इन लोगों पर आरोप है कि ये संभवत: हिंसा फैलाने के लिए बड़ी संख्या में लोगों को एकजुट करने की कोशिश कर रहे थे। छापेमारी के दौरान उत्तर प्रदेश से 56 लोगों को गिरफ्तार किय गया, कर्नाटक से 74, असम से 23, दिल्ली से 34, महाराष्ट्र से 47, मध्य प्रदेश से 21, गुजरात से 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
इससे पहले 22 सितंबर को भी केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने 106 लोगों को 15 अलग-अलग राज्यों से गिरफ्तार किया था। इन लोगों पर आरोप है कि देश में आतंकी गतिविधियों के लिए इन लोगों ने समर्थन दिया था। एनआईए पीएफआई से जुड़े 19 मामलों की जांच कर रही है। गौर करने वाली बात है कि पीएफआई कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन है, जिसका गठन 2006 में हुआ था। इसमे इस्लामिक ग्रुप नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट, मनिथा नीति पसराई और कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी का विलय किया गया था। सूत्रों के अनुसार पीएफआई मुख्य रूप से तीन संस्थाओं को चलाती है, इंडियन फ्रैटर्निटी फोरम, इंडियन सोशल फोरम, रेहाब इंडियन फाउंडेशन।