पूरे नगालैंड को अगले छह महीने के लिए अशांत क्षेत्र घोषित किया गया, लागू रहेगा अफस्पा
नई दिल्ली। नगालैंड को लेकर रविवार को गृह मंत्रालय ने जो अधिसूचना जारी की है, उसके अनुसार पूरे नगालैंड को छह महीनों के लिए अशांत क्षेत्र घोषित किया गया है। नगालैंड को अफस्पा के तहत अशांत घोषित किया गया है। जिसके बाद सशस्त्र बल कानून के तहत सुरक्षा बल के जवान बिना पूर्व नोटिस के लोगों के साथ पूछताछ कर सकते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं या फिर उन्हें गिरफ्तार भी कर सकते हैं। बता दें कि नागालैंड में पिछले कई दशकों से अफस्पा कानून लागू है।
छह महीनों के लिए अशांत घोषित
गृह मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि नगालैंड अशांत और खतरनाक स्थिति में है, लिहाजा यहां पर अगले छह महीने यानि दिसंबर माह तक अफस्पा कानून लागू रहेगा। नगालैंड की स्थिति सही नहीं है, ऐसे में नागरिक प्रशासन की मदद के लिए सशस्त्र बलों की जरूरत है, लिहाजा यहां पर अफस्पा कानून लगाया जाता है। सरकार ने पूरे नगालैंड कोक 30 जून से अगले छह महीने के लिए अशांत क्षेत्र घोषित किया है।
प्रशासन को सेना की जरूरत
नगालैंड को अशांत क्षेत्र घोषित किए जाने को लेकर गृह मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि यहां पर हत्याएं, लूट और उगाही अभी भी जारी है। बता दें कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के अलावा जम्मू कश्मीर के कई हिस्सों में भी अफस्पा कानून लागू है, जिसे हटाए जाने की मांग पिछले काफी मय से चल रही है।
क्या है अफस्पा
गौरतलब है कि अफस्पा वर्ष 1958 में पहली बार अस्तित्व में आया था जब नागा उग्रवाद पर नियंत्रण करने के लिए आर्मी के साथ राज्य और केंद्रीय बल को गोली मारने, घरों की तलाशी लेने के साथ ही उस प्रॉपर्टी को अवैध घोषित करने का आदेश दिया गया था जिसका प्रयोग उग्रवादी करते आए थे। सिक्योरिटी फोर्सेज को तलाशी के लिए वारंट की जरूरत नहीं होती थी। यह कानून असम, जम्मू कश्मीर, नागालैंड और इंफाल म्यूनिसिपल इलाके को छोड़कर पूरे मणिपुर में लागू है। वहीं अरुणाचल प्रदेश के तिराप, छांगलांग और लांगडिंग जिले और असम से लगी सीमा पर यह कानून लागू है, साथ ही मेघालय में भी सिर्फ असम से लगती सीमा पर यह कानून लागू है।