सरकार ने अगले 6 महीने के लिए नागालैंड को घोषित किया 'अशांत क्षेत्र', सुरक्षा बलों को मिलीं विशेष शक्तियां
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को पूरे नागालैंड को अगले छह महीने के लिए 'अशांत क्षेत्र' घोषित कर दिया है। गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा है कि केंद्र सरकार का मानना है कि पूरा नागालैंड इतना अशांत और खतरनाक स्थिति में है कि आम जनमानस की मदद एवं सुरक्षा के लिए सशस्त्र बलों की मदद आवश्यक है। मंत्रालय ने कहा है कि 'ऐसे हालातों को देखते हुए सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 (अफस्पा) की धारा तीन द्वारा प्रदान की गई शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि 30 जून, 2020 से अगले छह महीने तक पूरे राज्य को 'अशांत क्षेत्र' माना जाएगा।'
इस मामले में नागालैंड के राज्यपाल आरएन रवि ने मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो को पत्र लिखकर कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर चिंता जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि राज्य में करीब आधा दर्जन सश्स्त्र गिरोह सरकार की वैधता को चुनौती दे रहे हैं। 16 जून को मुख्यमंत्री को चार पन्नों का पत्र लिखते हुए राज्यपाल ने कहा था कि जो नागरिक कानून का पालन करते हैं, उन्हें ये गिरोह परेशान करते हैं। नागरिकों के साथ हिंसा की जाती है। ये गिरोह हथियारों का प्रदर्शन करते हैं, जिनसे आम नागरिकों में दहशत है।
राज्यपाल ने अपने पत्र में बताया कि कैसे ये गिरोह नागालैंड के प्रवेश बिंदुओं पर चेक गेट संचालित करते हैं। इसके साथ ही जो भी सामाना नागालैंड में प्रवेश करता है उसपर अवैध कब्जा तक कर लेते हैं। जबकि इस बात की पूरी जानकारी राज्य की कानून और व्यवस्था को है। ये बदमाश राज्य में आने वाले सामान की हथियार के बल पर उगाही करते हैं। जिससे आम नागरिकों को ऊंचे दाम पर सामान मिलता है। इसके साथ ही राज्यपाल ने अपने पत्र में साल 2018 की सीएजी की एक रिपोर्ट का भी जिक्र किया है, जिसमें कहा गया है कि कैसे सरकारी विभाग से ऐसे गिरोह को फंड किया जाता है।
अफस्पा क्या है?
तो चलिए अब जान लेते हैं कि अफस्पा क्या है। भारत की संसद ने अफस्पा यानी आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट 1958 को लागू किया था। जो एक फौजी कानून है। इसे उन क्षेत्रों में लागू किया जाता है, जो अशांत श्रेणी में आते हैं। इस कानून से सेना और सुरक्षा बलों को विशेष अधिकार मिलते हैं। इस कानून को सितंबर 1958 में मणिपुर, त्रिपुरा, मेघालय, असम, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड सहित देश के उत्तर पूर्व में लागू किया गया था।
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