सरोगेट मां को मिलेगी 26 हफ्ते की मेटरनिटी लीव, केंद्र सरकार ने दी मंजूरी
नई दिल्ली। सरोगेसी के जरिए मां बनने वाली महिला कर्मचारियों को 26 हफ्ते की मेटरनिटी लीव को केंद्र सरकार ने मंजूरी दी है। कार्मिक मंत्रालय के एक आधिकारिक आदेश के मुताबिक इसके लिए मंजूरी दे दी गई है। अब सरोगेट मदर बनने वाली महिला कर्मचारी वेतन सहित 26 सप्ताह का मातृत्व अवकाश प्राप्त कर सकती हैं। मंत्रालय ने इस मामले पर 2015 में आए दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के बारे में केंद्र सरकार के सभी विभागों और मंत्रालयों को लिखा है कि सभी मंत्रालयों/विभागों को सलाह दी जाती है कि वे संबंधित अधिकारियों को इसके बारे में व्यापक जानकारी दें।
हाईकोर्ट ने दिया था आदेश
सरोगेट मां को मातृत्व अवकाश की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दी गई थी। याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि सरोगेसी के जरिए मां बनने वाली महिला कर्मचारी भी मातृत्व अवकाश के लिए आवेदन करने की हकदार होगी। मंत्रालय ने केंद्र सरकार के सभी विभागों को इस मुद्दे पर 2015 के उच्च न्यायालय के आदेश की प्रति भी भेजी है।
सरोगेट मां को नहीं दी थी स्कूल ने छुट्टी
2015 में दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्रीय विद्यालय की एक टीचर ने पिटीशन दायर की थी। महिला सरोगेसी के जरिए जुड़वां बच्चों की मां बनी थी, लेकिन उसे ये कहकर मैटरनिटी लीव नहीं दी गई कि वो बच्चों के बायोलॉजिकल मां नहीं है। आपको बता दें कि मार्च 2017 में मैटरनिटी लीव पर संशोधित बिल संसद में पास किया गया था। इसमें प्रेग्नेंट महिलाओं को 26 हफ्तों की छुट्टी देने का प्रावधान था, जो कि पहले 12 हफ्ते थी।
सरोगेट मांओ को मिलेगा फायदा
मैटरनिटी बेनिफिट एक्ट, 1961 के मुताबिक, देश की हर कामकाजी महिला को प्रेग्नेंसी के दौरान बच्चे की देखरेख के लिए छुट्टी मिलती है। इन दौरान उसे पूरी सैलरी देने का नियम है। 2017 में मैटरनिटी लीव पर संशोधित बिल संसद में पास किया गया। कर्मिक मंत्रालय के नए आदेश के बाद अब सरोगेट मांओ को फायदा मिलेगा।
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