माइकल पात्रा बने आरबीआई के डिप्टी गवर्नर, केंद्र सरकार ने तीन साल के लिए सौंपी जिम्मेदारी
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व डिप्टी गवर्नर डॉ. विरल आचार्य के इस्तीफा देने के बाद खाली हुए पद पर केंद्र सरकार ने माइकल पात्रा के नाम पर मुहर लगाई है। केंद्र सरकार ने माइकल पात्रा को तीन साल के लिए आरबीआई का डिप्टी गवर्नर नियुक्त करने की घोषणा कर दी है। बता दें कि वर्तमान में माइकल पात्रा आरबीआई में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के पद पर कार्यरत हैं और वह 6 सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति के सदस्य भी हैं। पूर्व डिप्टी गवर्नर डॉ. विरल आचार्य ने करीब 6 महीने पहले इस्तीफा दे दिया था।
गौरतलब है कि डॉ. विरल आचार्य ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए आरबीआई की डिप्टी गवर्नर पद से 23 जुलाई को इस्तीफा दे दिया था। मौजूदा समय में एनएस विश्वनाथन, बीपी कनुनगो और एमके जैन के रूप में वर्तमान समय में आरबीआई के तीन डिप्टी गवर्नर है। माइकल पात्रा को आरबीआई के चौथे डिप्टी गवर्नर के रूप में नियुक्त किया गया है। मालूम हो कि शक्तिकांत दास आरबीआई के गवर्नर हैं। माइकल पात्रा का पूरा नाम माइकल देवव्रत पात्रा है और उन्होंने आईआईटी मुंबई से इकोनॉमिक्स में पीएचडी किया है।
माइकल पात्रा ने 1985 में आरबीआई ज्वाइन किया था जिसके बाद वह लगातार तरक्की कर रहे हैं। बता दें कि माइकल पात्रा ब्याज दरों में कटौती का भी समर्थन कर चुके हैं। उन्होंने दिसंबर से पहले पिछली तीन मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती की बात कही थी। माइकल पात्रा डिप्टी गवर्नर के पद पर डॉ विरल आचार्य का स्थान ले रहे हैं। बता दें कि विरल का कई मामलों पर मोदी सरकार से मतभेद हो चुका है जिसके बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। विरल रिजर्व बैंक की स्वायत्तता बनाए रखने के प्रबल समर्थक थे। अपने एक बयान में विरल आचार्य ने कहा था कि जो सरकार केंद्रीय बैंक की आजादी का सम्मान नहीं करती वह वित्तीय बाजारों के कोप का शिकार होती है।
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