केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, 1 से 27 मई के बीच कितने प्रवासी मजदूर पहुंचे अपने घर
नई दिल्ली। देशव्यापी लॉकडाउन से जूझ रहे प्रवासी मजदूरों के लिए केंद्र सरकार ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में प्रवासी मजदूरों की बदहाली पर सुनवाई की गई जिसमें केंद्र सरकार को कुछ कठिन सवालों का जवाब देना पड़ा। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई इस सुनवाई में केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 1 मई से 27 मई, 2020 के बीच अब तक 91 लाख प्रवासी मजदूरों को रेल और सड़क मार्ग से उनके गृह राज्य पहुंचाया जा चुका है। अब 3.36 लाख प्रवासियों को रोजाना भेजा जा रहा है।
गुरुवार को हुई इस सुनवाई में जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एम आर शाह की बेंच ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दोनों पक्षों की दलीलों को सुना। इस दौरान कपिल सिब्बल, कॉलिन गोंजाल्विस और इंदिरा जयसिंह भी मौजूद रहे। केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट के सभी सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को उच्चतम न्यायालय की तरफ से एक नोटिस जारी किया गया है।
इसपर वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने कहा, हमारा भी प्रवासी मजदूरों का एक संगठन है हमने भी याचिका लगाई है, उधर वकील इंदिरा जयसिंह ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि मामला वर्तमान में गंभीर है इसलिए इस पर सुनवाई कर आज ही आदेश जारी किया जाए। दोनों दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा, हम केंद्र को सुनने के बाद आदेश जारी करेंगे। बता दें कि केंद्र ने कोर्ट ने प्ररंभिक रिपोर्ट दाखिल की है जिसमें तुषार मेहता ने आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ घटनाएं हुई हैं जिन्हें बार-बार दिखाया जा रहा है, लेकिन राज्य और केंद्र सरकार मिलकर इस पर काम कर रही है।
रोजाना
3.36
लाख
लोगों
को
पहुंचाया
जा
रहा
घर
सुनवाई
के
दौरान
एससी
ने
कहा
कि
इसमें
कोई
दो
राय
नहीं
है
कि
केंद्र
सरकार
प्रवासी
मजदूरों
के
लिए
हर
संभव
कोशिश
कर
रही
है।
लेकिन
इस
बात
को
भी
झुठलाया
नहीं
जा
सकता
कि
राज्यों
और
केंद्र
शासित
प्रदेशों
में
रह
रहे
मजदूरों
तक
सरकारी
सुविधाएं
नहीं
पहुंच
पा
रही
है।
इस
पर
केंद्र
ने
कहा,
जिन
राज्यों
के
बीच
दूरी
कम
है
जैसे
गुजरात
और
राजस्थान,
एमपी
और
महाराष्ट्र
ऐसे
राज्यों
के
प्रवासी
मजदूरों
को
हमने
सड़क
मार्ग
से
भेजने
की
योजना
बनाई
है।
अब
तक
सड़क
मार्ग
से
40
लाख
प्रवासी
भेजे
जा
चुके
हैं,
वहीं
1
से
27
मई,
2020
की
बीच
91
लाख
लोगों
को
उनकी
मंजिल
तक
पहुंचाया
जा
चुका
है।
केंद्र
रोजाना
3.36
लाख
प्रवासियों
को
सड़क
और
रेल
मार्ग
से
उनके
घर
पहुंचा
रहा
है।
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