श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लिए केंद्र ने राज्य सरकारों से की ये गुजारिश
नई दिल्ली- केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि वो श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की मंजूरी जल्द से जल्द दिया करें, जिससे कि मजदूरों को उनके गृहराज्यों तक तत्काल पहुंचाया जा सके। इसके लिए रविवार को कैबिनट सचिव राजीव गौवा ने राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस किया और उनसे आग्रह किया कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को मंजूरी देने में राज्य सरकार जरा भी देर न करें।
Recommended Video
कैबिनेट सचिव के साथ श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को लेकर हुई इस बैठक में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव भी मौजूद थे। इस दौरान राजीव गौवा ने राज्यों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी जिलाधिकारियों और एसपी की होगी।
इस दौरान रेलवे बोर्ड के चेयरमैन भरोसा दिलाया कि अगर राज्य सरकारें श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को मंजूरी देने में देरी न करें तो और भी कई स्पेशल ट्रेनें चलाई जा सकती हैं। बता दें कि रेलवे ने अलग-अलग राज्यों में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए 1 मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाना शुरू किया है और अब तक 1,100 से ज्यादा ट्रेनें चलाई जा चुकी हैं, जिससे 15 लाख प्रवासी कामगारों को अपने घरों तक पहुंचाया जा चुका है। इस समय रेलवे के साथ एक अलग स्थिति ये है कि लॉकडाउन में वह कैरियर के तौर पर काम नहीं कर रहा है, बल्कि मजदूरों को भेजने और मंगवाने की पूरी जिम्मेदारी संबंधित राज्यों की है, जिसमें रेलवे सहयोग कर रहा है।
इसके अलावा रेलवे पिछले 12 मई से नई दिल्ली से देश के 15 स्टेशनों के लिए 15 जोड़ियां स्पेशल एसी ट्रेनें भी चला रहा है। इस ट्रेन में टिकट के लिए इतनी मारा-मारी है कि बुकिंग शुरू होते ही चंद मिनटों में ही सीटें फुल हो जा रही हैं। इन ट्रेनों की बुकिंग श्रमिक स्पेशल से अलग है। श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में टिकट का 85 फीसदी हिस्सा केंद्र सरकार उठा रही है और 15 फीसदी संबंधित राज्य खर्च कर रहे हैं। लेकिन, स्पेशल एसी ट्रेनों का भाड़ा पैसेंजरों को देना पड़ता है, जो कि राजधानी एक्सप्रेस की तर्ज पर है और बुकिंग भी सिर्फ आईआरसीटीसी के जरिए ऑनलाइन की जा रही है।
इसे भी पढ़ें- IRCTC: स्पेशल एसी ट्रेन में ई-टिकट बुकिंग से पहले ये काम है अनिवार्य