केंद्र ने फिर से रिन्यू किया मदर टेरेसा की NGO का FCRA लाइसेंस, ब्रिटेन ने की थी निंदा
नई दिल्ली, 08 जनवरी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मदर टेरेसा की संस्था मिशनरीज ऑफ चैरिटी को मिलने वाले विदेशी डोनेशन यानी एफसीआरए सर्टिफिकेट को फिर से बहाल कर दिया है। गृह मंत्रालय की ओर से देश के करीब 6000 एनजीओ के एफसीआरए लाइसेंस पर रोक लगा दी गई है। मदर टेरेसा की संस्था पर रोक लगाने के दौरान मंत्रालय ने कहा था कि उन्हें जनजातीय इलाकों में काम करने वाले कई एनजीओ के खिलाफ उसे 'गंभीर प्रतिकूल इनपुट' मिलने थे। एफसीआरए बैन पर ब्रिटेन ने भी नाराजगी जाहिर की थी।

हालांकि अब केंद्र सरकार ने मिशनरीज ऑफ चैरिटी के लिए एफसीआरए लाइसेंस को फिर से मंजूरी दे दी है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि गृह मंत्रालय ने संबंधित विभाग को आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद मदर टेरेसा के मिशनरीज ऑफ चैरिटी के लिए एफसीआरए पंजीकरण बहाल कर दिया है। इससे पहले मंत्रालय ने कुछ "प्रतिकूल इनपुट" के कारण मदर टेरेसा द्वारा स्थापित एनजीओ के लाइसेंस को नवीनीकृत करने से इनकार कर दिया था।
MHA restores FCRA registration for Mother Teresa’s Missionaries of Charity after it submitted the necessary document to concerned department: Govt Sources
Earlier, MHA refused to renew the Mother Teresa-founded NGO's licence due to some "adverse inputs".
— ANI (@ANI) January 8, 2022
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मदर टेरेसा द्वारा स्थापित चैरिटी सहित लगभग 6,000 से अधिक संगठनों के विदेशी फंडिंग लाइसेंस के रिन्यूअल पर रोक के खिलाफ लंदन के समकक्षों ने हाउस ऑफ लॉर्ड्स में भारत की निंदा की गई। ब्रिटेन सरकार ने भारत से अनुरोध किया कि वह अपने फैसले पर फिर से विचार करे। पेंटरगार्थ के लॉर्ड हैरीज के एक मौखिक प्रश्न से बहस शुरू हुई, जिसमें पूछा गया था कि 'मिशनरीज ऑफ चैरिटी और अन्य गैर सरकारी संगठनों के लिए विदेशी धन को अवरुद्ध करने' के बारे में यूके सरकार ने भारत सरकार से क्या बात की।