GST मुआवजे को पाटने के लिए केंद्र के पास कोई उपाय नहीं, 42वें GST परिषद की बैठक पर बोले चिदंबरम
नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सोमवार को जीएसटी मुआवजे के मुद्दे पर केंद्र की जमकर आलोचना की है। यह अलग बात है कि 20 राज्यों ने राजस्व शॉर्टफॉल की कमी को पूरा करने के लिए केंद्र के प्रस्तावित बॉरोइंग मैकेनिज्म पर सहमति व्यक्त की है। 42 वें जीएसटी परिषद की बैठक में गैर-भाजपा शासित राज्यों को इस पर आपत्ति होने की उम्मीद है।
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केंद्र को राजस्व शॉर्टफॉल धनराशि का भुगतान करना चाहिए: चिदंबरम
जीएसटी परिषद की बैठक पर चिदंबरम ने केंद्र पर तंज कसते हुए कहा कि राज्यों को केंद्र द्वारा दिए गए दो अर्थहीन विकल्पों की अस्वीकृति पर दृढ़ रहना चाहिए और जोर देना चाहिए कि केंद्र को राजस्व शॉर्टफॉल धनराशि का भुगतान करना चाहिए और वादे के मुताबिक मुआवजा देना चाहिए। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी परिषद की बैठक का परिणाम आज केंद्र सरकार के कानून और उसके वादों के पालन के लिए एक परीक्षा होगी।
केंद्र के पास कोई सुराग नहीं है कि घाटे को कैसे कम किया जाए
बकौल चिदंबरम, दो घाटे हैं, जिन्हें केंद्र को पूरा करने की जरूरत है। पहला है जीएसटी मुआवजा और दूसरा है विश्वास घाटा और केंद्र के पास इस बात का कोई सुराग नहीं है कि घाटे को कैसे कम किया जाए। केंद्र को धनराशि का पता लगाना चाहिए और प्रस्तावित मुआवजे का भुगतान करना चाहिए।
केंद्र के प्रस्तावित मापदण्डों को राज्यों द्वारा खारिज करने की पूरी उम्मीद
सोमवार को आहूत जीएसटी काउंसिल की बैठक में जीएसटी की कमी को पूरा करने के लिए केंद्र द्वारा प्रस्तावित मापदण्डों को विपक्षी सरकारों द्वारा शासित राज्यों द्वारा खारिज करने की पूरी उम्मीद है। केंद्र ने राज्यों को इसके लिए दो उधार विकल्प दिए थे। उन्होंने आगे कहा था कि राज्यों को मुआवजा का भुगतान करने के लिए पर्याप्त उपकर राजस्व सृजन नहीं किया गया है।
जीएसटी रेवेन्यू में 2.35 लाख करोड़ रुपए के रेवन्यू शॉर्टफॉल का अनुमान
गौरतलब है बीते 27 अगस्त को हुई काउंसिल की बैठक में चालू वित्त वर्ष में जीएसटी रेवेन्यू में 2.35 लाख करोड़ रुपए के रेवन्यू शॉर्टफॉल का अनुमान जताया गया था। इसमें 97 हजार करोड़ रुपए जीएसटी इम्प्लीमेंटेशन और 1.38 लाख करोड़ रुपए राज्यों के रेवेन्यू के शामिल हैं। इस रेवेन्यू शॉर्टफॉल की भरपाई के लिए केंद्र ने दो विकल्प दिए थे। पहले विकल्प के तहत राज्य आरबीआई से विशेष विंडो के तहत 97 हजार करोड़ रुपए उधार ले सकते हैं। दूसरे विकल्प के तहत केंद्र 2.35 लाख करोड़ रुपये बाजार से उधार लेकर राज्यों की दे।
MP डेरेक ओ ब्रायन ने भी अवैतनिक मुआवजा उपकर के मुद्दे पर फटकारा
इस बीच, राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने भी अवैतनिक मुआवजा उपकर के मुद्दे पर केंद्र को फटकार लगाते हुए कहा कि राज्यों ने केंद्रीय वादे पर 70 फीसदी कर लगाया, लेकिन केंद्र फंड से इनकार कर रहा है और संविधान की अनदेखी करता है। ओ'ब्रायन ने पूछा, आखिर ऐसा क्यों है?