रमजान में सुरक्षाबलों का जम्मू कश्मीर में सीजफायर, नहीं लॉन्च होगा आतंकियों के खिलाफ कोई भी ऑपरेशन
केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर की महबूबा मुफ्ती सरकार की उस रिक्वेस्ट को मान लिया है जिसमें रमजान माह के दौरान सुरक्षाबलों से ऑपरेशन रोकने की बात कही गई थी। हालांकि सेना और सुरक्षाबलों को यह अधिकार दिया गया है कि हमलों के समय उन्हें आतंकियों को उसी भाषा में जवाब देना है या नहीं।
श्रीनगर। केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर की महबूबा मुफ्ती सरकार की उस रिक्वेस्ट को मान लिया है जिसमें रमजान माह के दौरान सुरक्षाबलों से ऑपरेशन रोकने की बात कही गई थी। हालांकि सेना और सुरक्षाबलों को यह अधिकार दिया गया है कि हमलों के समय उन्हें आतंकियों को उसी भाषा में जवाब देना है या नहीं। गृहमंत्री राजनाथ सिंह की ओर से बताया गया है कि सरकार ने राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बात को मानते हुए रमजान माह में युद्धविराम की रिक्वेस्ट मान ली है।
गृह मंत्रालय ने दिया आदेश
महबूबा मुफ्ती ने मीडिया को बताया, 'गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने उन्हें फोन किया था और केंद्र सरकार ने तय किया है कि रमजान के माह के दौरान सुरक्षाबलों की ओर से युद्धविराम रहेगा।' महबूबा ने इसे एक अच्छी खबर बताया। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस पहल को सभी का समर्थन मिलेगा। गृह मंत्रालय की ओर से बयान जारी किया गया है। बयान में कहा गया है, 'केंद्र सरकार की ओर से सुरक्षाबलों को आदेश दिया गया है कि जम्मू कश्मीर में रमजान के पवित्र माह में कोई ऑपरेशन लॉन्च न करें।'
घाटी में शांति कायम करने की पहल
मंत्रालय की मानें तो इस फैसले से शांति का माहौल कायम करने में मदद मिलेगी। बयान में आगे कहा गया है कि सेना और सुरक्षाबलों के पास यह अधिकार है कि हमले के समय लोगों की जान बचाने के लिए आतंकियों को उन्हीं के अंदाज में जवाब दे सकती हैं। बयान के मुताबिक सरकार को उम्मीद है कि इस पहल में सभी का समर्थन मिलेगा ताकि मुसलमान भाई शांति से और बिना किसी मुश्किल के रमजान माह का पालन कर सकें।
अटल बिहारी वाजपेई ने भी किया था यही
गृह मंत्रालय के बयान में यह भी कहा गया है कि हिंसा और आतंक के जरिए इस्लाम को बदनाम करने वाली ताकतों को अलग-थलग करना काफी अहम है। आखिरी बार केंद्र सररकार ने सुरक्षाबलों को रामजान माह में सीजफायर का आदेश साल 2000 में दिया था और उस समय अटल बिहारी वाजपेई की सरकार केंद्र में थी।
हिजबुल ने भी किया था सीजफायर
हाल ही में जम्मू कश्मीर में ऑल पार्टी मीटिंग हुई थी और इसी मीटिंग में महबूबा की ओर से यह अनुरोध किया गया था। महबूबा ने हालांकि अमरनाथ यात्रा के लिए भी सीजफायर की मांग की है। यह भी दिलचस्प बात है कि बीजेपी ने महबूबा के इस बयान से उस समय खुद को अलग कर लिया था। घाटी में साल 2000 में सुरक्षाबलों ने सीजफायर किया तो उससे पहले आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन की ओर से भी सीजफायर का ऐलान किया था।