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हाथरस कांड के बाद केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, महिला सुरक्षा को लेकर राज्यों को जारी की एडवाइजरी

हाथरस कांड के बाद एक्टिव मोड में केंद्र सरकार, राज्यों को कड़े शब्दों में दिया ये निर्देश

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नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश के हाथरस गैंगरेप और मर्डर कांड के बाद देशभर में पैदा हुए हालात को देखते हुए महिलाओं की सुरक्षा के मद्देनजर आज कड़ा रुख अपनाया है। गृह मंत्रालय ने शनिवार को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासन को निर्देश दिया है कि वह महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में पुलिस की कार्रवाई को सुनिश्चित करें। केंद्र ने साफ शब्दों में कहा कि महिला अपराध के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में जरा भी आनाकानी न की जाए।

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Center action against women crime told states take strict action against careless officers

अपनी एडवाइजरी में केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा कि हर मामले में एफआईआर दर्ज होना अनिवार्य है। इसके अलावा केंद्र नेआईपीसी और सीआरपीसी की धाराओं के प्रावधान को गिनाते हुए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इसका पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। गृह मंत्रालय ने चेतावनी देते हुए कहा कि महिला अपराध मामले में लापरवाही दिखाने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। इसके अलावा अगर अपराध थाने की सीमा से बाहर हुआ है तो कानून में 'जीरो एफआईआर' का भी प्रावधान है।

गौरतलब है कि हाथरस में हुए गैंगरेप और मर्डर के बाद देशभर में पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके अलावा विपक्ष ने इस मामले पर केंद्र सरकार को भी आड़े हाथ लिया है। मामले की गंभीरता से समझते हुए अब महिला अपराध के खिलाफ केंद्र ने बड़ा फैसला लेते हुए राज्यों को एडवाइजरी जारी कर दिया है। इसमे कहा गया है कि IPC की धारा 166 A(c) के तहत, एफआईआर दर्ज न करने पर अधिकारी को सजा का प्रावधान है। इसके अलावा गैंगरेप से जुड़े मामलों में गृह मंत्रालय ने एक ऑनलाइन पोर्टल बनाया है जहां से ऐसे केस की मॉनिटरिंग हो सकती है।

केंद्र ने राज्यों को निर्देश दिया है कि बलात्‍कार/यौन शोषण की मामले की सूचना मिलने पर सीआरपीसी के सेक्‍शन 164-A के अनुसार 24 घंटे के भीतर पीड़‍िता की सहमति से एक रजिस्‍टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर मेडिकल जांच करेगा। इसके साथ ही ऐसे मामलों में इंडियन एविडेंस ऐक्‍ट की धारा 32(1) के अनुसार मृत व्‍यक्ति का बयान जांच में अहम तथ्य होगा। साथ ही फोरेंसिंक साइंस सर्विसिज डायरेक्‍टोरेट द्वारा बनाई गई रेप मामलों में फोरेंसिंक सबूत इकट्ठा करने, स्‍टोर करने की गाइडलाइंस का भी पालन किया जाए।

यह भी पढ़ें: हाथरस केस: पीड़ित परिवार ने कोरोना टेस्ट कराने से किया इनकार, बहन को खांसी की शिकायत पर पहुंची थी हेल्थ टीम

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English summary
Center action against women crime told states take strict action against careless officers
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