2020 में जनगणना और एनपीआर अपडेट की बिल्कुल संभावना नहीं, 2021 जनगणना में बड़ा रोड़ा बना कोरोना
नई दिल्ली। वर्ष 2020 कई मायनों में पिछले कई दशकों के अंतराल के बाद सबसे बुरा साल साबित होने जा रहा है, इसमें कोई आशंका नहीं रह गई है। 2020 की शुरूआत से कोरोना महामारी से जूझते हुई बीती है और पूरा 2020 कोरोना महामारी से पीछा छुड़ाते हुए बीतेगी, इसकी भी पूरी संभावना है। यही कारण कि 2021 जनगणना के पहले चरण की शुरूआत, जो 2020 में होनी थी, कोरोना के रोड़ा से उसकी संभावना पूरी तरह क्षीण होती नजर आ रही है।
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1 अप्रैल से 30 सितंबर तक होना था जनसंख्या और NPR अपडे़ट का काम
जनगणना का पहला चरण और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अपडे़ट करने का काम एक अप्रैल से 30 सितंबर, 2020 तक होना होना था, लेकिन नोवल कोरोनावायरस महामारी फैलने के चलते इसकी शुरूआत तक नहीं हो सकी है और माना जा रहा है कि इसमें अभी और साल तक शुरू होने की दूर-दूर तक कोई संभावना नहीं नज़र आ रही है, क्योंकि संक्रमण के थमने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
भारत में कोरोना वायरस संक्रमित नए मामलों की बाढ़ आई हुई है
पूरे अगस्त महीने में कोरोना के नए मामलों पर गौर करेंगे तो भारत में कोरोना वायरस संक्रमित नए मामलों की बाढ़ आई हुई है। अब तक 35 लाख से अधिक कोरोना संक्रमित भारत में पाए जा चुके हैं और लगभग 65 हजार लोगों की जान जा चुकी है। पिछले दो दिनों का ही रिकॉर्ड देखेंगे, तो हर 24 घंटें में भारत में 70000 से 75000 नए मरीज रोज मिल रहे हैं और करीब 1000 संक्रमित मरीजों की मौत हो रही है। ऐसे में जनगणना और एनपीआर अपडेटेशन काम शुरू होना मुश्किल हो गया है।
दुनिया का सबसे बड़ा प्रशासनिक व सांख्यिकीक अभियान है भारतीय जनगणना
भारत में जनगणना दुनिया का सबसे बड़ा प्रशासनिक और सांख्यिकीक अभियान है, जिसमें 30 लाख से ज्यादा कर्मचारी/अधिकारी भाग लेते हैं। ये लोग देश के हर कोने में प्रत्येक मकान में जाकर वहां सर्वे करते हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फिलहाल के लिए जनगणना कोई अनिवार्य कार्य नहीं है। अगर इसे एक साल के लिए टाल भी दिया जाए तो कोई नुकसान नहीं होगा।
2021 जनगणना और एनपीआर अपडेट का काम शुरू करने का निर्णय कब?
अधिकारी ने आगे कहा कि जनगणना 2021 का पहला चरण और एनपीआर को अपडेट करने का काम कब शुरू होगा, इस पर अभी तक अंतिम निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन यह लगभग पक्का है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण 2020 में यह काम नहीं होगा। जनगणना में मकानों को सूचीबद्ध करने और एनपीआर को अपडेट करने का काम पहले एक अप्रैल से 30 सितंबर, 2020 तक होना था, लेकिन कोविड-19 के कारण इसे टालना पड़ा।
स्वास्थ्य खतरे को कम करके नहीं आंका जा सकता है इसलिए टाला गया
अधिकारी के मुताबिक चूंकि पूरे अभियान में लाखों अधिकारियों को भाग लेना होता है और इसमें प्रत्येक परिवार के पास जाना होता है, ऐसे में हम स्वास्थ्य खतरे को कमतर करके नहीं आंक सकते। एक दिन में सर्वाधिक 78,761 नए मामले आने के साथ ही देश में अभी तक कुल 35,42,733 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। रविवार तक 63,498 लोगों की संक्रमण से मौत हुई है।
पहले पूरे देश में जनगणना की तारीख एक मार्च, 2021 होनी थी
हालांकि पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार पूरे देश में जनगणना की तारीख एक मार्च, 2021 होनी थी, जबकि जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बर्फ पड़ती है, वहां इसकी तारीख एक अक्टूबर, 2020 थी। चूंकि देश में कोविड-19 का खतरा अभी भी बना हुआ है इसलिए जनगणना और एनपीआर अभी भी सरकार की प्राथमिकता सूची में नहीं रह गया हैं।
अप्रैल से शुरू होने वाले NPR अपडेट का कुछ राज्य सरकारों ने विरोध किया
कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मार्च में जब लॉकडाउन की घोषणा की गई तब ही रजिस्ट्रार जनरल और भारत के जनगणना आयुक्त जनगणना के पहले चरण और एनपीआर को अपडेट करने के लिए तैयार थे। यह एक वृहद अभियान का हिस्सा था, जिसे एक अप्रैल से शुरू होने वाला है, लेकिन कुछ राज्य सरकारों द्वारा एनपीआर का विरोध किया गया था, लेकिन सभी ने जनगणना में पूरा साथ देने का वादा किया है। यह वह समय था देश सीएए और एनआरसी के साथ एनपीआर के विरोध में सड़क पर आ गया था।