तेलंगाना चुनाव को लेकर मीडिया में चल रही खबरों में सच्चाई नहीं: मुख्य चुनाव आयुक्त
नई दिल्ली। मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा है कि तेंलगाना में चुनाव की तारीखों को लेकर चल रही खबरों में सच्चाई नहीं है। रावत ने कहा कि तेलंगाना में विधानसभा भंग होने के बाद मीडिया के एक बड़े हिस्से में चल रहा है कि राज्य में नवंबर में वोटिंग होगी और दिसंबर में नतीजे आएंगे। रावत ने कहा कि ये स्वीकार नहीं किया जा सकता है, ऐसे कोई भी तारीखें तय नहीं कर सकता है। चुनाव आयोग ये तय करेगा कि चुनाव कब होने हैं। उन्होंने बताया कि 11 सितंबर को चुनाव आयोग एक टीम तेलंगाना भेजेगा, जिसकी रिपोर्ट के बाद चुनाव को लेकर फैसला किया जाएगा।
तेंलगाना में विधानसभा भंग होने के बाद कुछ खबरें मीडिया में चल रही हैं, जिनमें कहा गया है कि साल के आखिर में छत्तीसगढ़, मिजोरम, मध्य प्रदेश और राजस्थान में चुनाव होने हैं। ऐसे में तेंलगाना के चुनाव भी इन्हीं राज्यों के साथ हो सकते हैं। इस सवाल पर ओपी रावत ने कहा कि तेलंगाना में चुनाव शेष चार राज्यों के साथ करवाए जा सकते हैं या नहीं, इस पर कयासबाजी नहीं होनी चाहिए। पहले चुनाव आयोग तेलंगाना के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से चुनाव तैयारियों का जायजा लेगा और इसके बाद तय करेगा कि चुनाव कब करवाए जाएं।
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मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि तारीखों को लेकर कोई ज्योतिषीय क्या भविष्यवाणी कर रहा है, इसका कोई मतलब नहीं है। चुनाव कब होंगे इसका फैसला सिर्फ चुनाव आयोग करेगा। उन्होंने कहा कि तेलंगाना में चुनाव अन्य चार राज्यों के साथ कराए जाएंगे, ऐसा बिल्कुल भी तय नहीं है।
चंद्रशेखर राव ने गुरुवार को राज्यपाल से तेलंगाना विधानसभा भंग करने की सिफारिश की थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। फिलहाल, वे राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री हैं। माना जा रहा है कि 2019 में लोकसभा के साथ राज्य में विधानसभा चुनाव ना हो इसलिए केसीआर ने ऐसा किया है। केसीआर ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। ऐसे में निगाहें चुनाव आयोग पर हैं कि वो राज्य में चुनाव कब कराता है।
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