मुख्य आर्थिक सलाहकार का आरबीआई गवर्नर पर निशाना, स्वायत्तता से ज्यादा अच्छे फैसले जरूरी
पीएनबी स्कैम: मुख्य आर्थिक सलाहकार का आरबीआई गवर्नर पर निशाना
नई दिल्ली। रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल के पीएनबी स्कैम के बाद सार्वजनिक बैंकों की निगरानी और प्रबंधन के लिए आरबीआई को ज्यादा कानूनी अधिकार दिए जाने के बयान पर केंद्र सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यम ने निशाना साधा है। अरविंद ने अप्रत्यक्ष तौर पर आरबीआई गवर्नर की फैसले लेने की क्षमता पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता के लिए सिर्फ कानून बना देना काफी नहीं है और ना ही सिर्फ कानून बनने से स्वायत्ता हासिल हो सकती है। इसके लिए 'एक्शन और डिसिजन' यानि कार्रवाई और बेहतर फैसले जरूरी होते हैं। उन्होंने कहा कि गलत फैसलों से रिजर्व बैंक पर जो लोगों का भरोसा है, उस पर भी असर पड़ता है।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, सोमवार को दिल्ली में एक कॉलेज में अरविंद सुब्रह्मण्यम से छात्रों से बातचीत के दौरान बैंकों की स्वायत्तता को लेकर सवाल हुआ तो उन्होंने कहा कि स्वायत्तता कानून से हासिल नहीं की जा सकती, ये अच्छे और प्रभावी फैसलों से आती है। उन्होंने कहा कि किसी केंद्रीय बैंक की विश्वसनीयता सिर्फ इससे नहीं बनती है कि उसको कितनी आजादी मिली हुई है क्योंकि आप स्वतंत्रत होते हुए खराब फैसले लेते हैं, तो आपसे भरोसा कम हो जाता है।
हाल ही में पंजाब नेशनल बैंक घोटाला मामले के मद्देनजर आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने बैंकों की स्वायत्ता को लेकर कहा था कि सार्वजनिक बैंकों के निगरानी के लिए रिजर्व बैंक के पास पर्याप्त कानूनी अधिकार न होने की वजह से भी दिक्कतें होती हैं। उन्होंने कहा था कि वे सार्वजनिक बैंकों से निपटने के मामले में असहाय हैं। उर्जित पटेल ने कहा था कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के डायरेक्टर सरकार नियुक्त करती है, जिसे रिजर्व बैंक नहीं हटा सकता, ना ही किसी सरकारी बैंक को विलय या हिस्सेदारी बेचने के लिए कह सकता है।
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