हादसे से 24 घंटे पहले CDS ने जताई थी जैविक युद्ध की आशंका, सभी देशों से की साथ आने की अपील
नई दिल्ली, 8 दिसंबर: चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल बिपिन रावत समेत वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों को ले जा रहा हेलीकॉप्टर बुधवार को तमिलनाडु के नीलगिरी जिले में क्रैश हो गया। जिसमें कई लोगों की मौत हुई है। प्रारंभिक जांच में घटना के पीछे की वजह खराब मौसम को बताया जा रहा, फिलहाल वायुसेना की ओर से गठित एक हाईलेवल कमेटी मामले की जांच कर रही। हादसे से एक दिन पहले ही सीडीएस रावत ने जैविक युद्ध की आशंका जताई थी। साथ ही सभी देशों को इसके लिए तैयार रहने के लिए कहा था।
कोरोना पर कही ये बात
दरअसल 7 दिसंबर को सीडीएस बिपिन रावत बिम्सटेक सदस्य देशों से जुड़े आपदा प्रबंधन अभ्यास के कर्टेन रेजर कार्यक्रम में शामिल हुए, जिसमें बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार, भूटान, थाईलैंड, श्रीलंका ने हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में कोरोना को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। अपने संबोधन में सीडीएस ने कहा कि मैं एक अहम मुद्दा उठाना चाहता हूं। वो मुद्दा कोरोना वायरस है, क्या ये एक नए प्रकार के युद्ध का स्वरूप ले रहा है। इससे निपटने के लिए सभी को मजबूत होना होगा। हाल ही में इसके ओमिक्रॉन वेरिएंट का पता चला। अगर भविष्य में इसका स्वरूप बदला, तो हमें इसके लिए तैयार रहना होगा।
'एक-दूसरे का दें साथ'
सीडीएस बिपिन रावत ने अपने संबोधन के दौरान जैविक युद्ध की आशंका जताई थी। साथ ही सभी देशों से इसके लिए एक-दूसरे का साथ देने की अपील की । उन्होंने कहा था कि ये सभी के लिए महत्वपूर्ण है कि हम अपने बुद्धि कौशल से एक-दूसरे का साथ दें। दुनिया के सशस्त्र बलों को आपदाओं का मुकाबला करने के लिए विशेष तैयारी करनी पड़ती है। जब कोरोना आया था, तो बहुत सी जगहों पर सशस्त्र बलों के जरिए मदद पहुंचाई गई।
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14 लोग थे सवार
दुर्घटनाग्रस्त Mi-17V5 हेलीकॉप्टर में सीडीएस जनरल बिपिन रावत के साथ उनकी पत्नी मधुलिका रावत भी मौजूद थीं। उनके अलावा ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर, ले. क. हरजिंदर सिंह, नायक गुरसेवक सिंह, नायक. जितेंद्र कुमार, ले. नायक विवेक कुमार, ले. नायक बी. साई तेजा, हवलदार सतपाल सवार थे।